पानीपत
आरटीआइ से हुआ ख़ुलासा, पाँच रुपए से शुरू हुआ टोल, अब बन बैठ शहरवासियों के सर का दर्द
Advertisement नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) जीटी रोड पर 153 कब्जे चिह्नित करने के बाद भी नहीं हटवा सका। प्रशासन की तरफ से भी लोकायुक्त हरियाणा की रिपोर्ट के आदेश के आठ महीने बाद भी ड्यूटी मजिस्ट्रेट लगाकर पुलिस मुहैया नहीं कराया गया। एनएचएआई, प्रशासन और टोल कंपनी एलएनटी के तिकोणीय मैच में शहर […]
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) जीटी रोड पर 153 कब्जे चिह्नित करने के बाद भी नहीं हटवा सका। प्रशासन की तरफ से भी लोकायुक्त हरियाणा की रिपोर्ट के आदेश के आठ महीने बाद भी ड्यूटी मजिस्ट्रेट लगाकर पुलिस मुहैया नहीं कराया गया। एनएचएआई, प्रशासन और टोल कंपनी एलएनटी के तिकोणीय मैच में शहर की जनता जाम में पीस रही है। स्थिति यह है कि जीटी रोड पर कब्जों की जगहों पर सबसे ज्यादा जाम की स्थिति रहती है।
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की हाल में एडवोकेट अमित कुमार को आरटीआइ एक्ट के तहत दी सूचना में यह बात सामने आई है। अमित कुमार ने आठ प्वाइंटों पर सूचना मांगी थी। एनएचएआइ ने जीटी रोड पर दिल्ली से अंबाला लेन पर 96 से 86 किलोमीटर के बीच अवैध कब्जों की जानकारी मांगी थी। अथॉरिटी ने अपने जवाब में कहा कि लोकायुक्त हरियाणा चंडीगढ़ के 28 मई 2018 के आदेशानुसार उक्त खंड का अतिक्रमण स्थानीय प्रशासन की सहायता व प्रोटेक्शन में हटाया जाना है। डीसी से ड्यूटी मजिस्ट्रेट और पुलिस बल के लिए मदद मांगा गया है। एनएचएआई ने जीटी रोड से कब्जे हटाने की कार्रवाई किस अधिकारी के अंतर्गत करने की जानकारी पर अथॉरिटी ने कंपनी का नाम दिया है। अथॉरिटी ने कब्जों की सत्यापित हाल की कॉपी नहीं दी है।बीओटी बेस पर बनाया गया एलिवेटेड हाईवे
Gepostet von Panipat LIVE am Montag, 28. Januar 2019
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जीटी रोड पर 10 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड हाईवे बीओटी बेस है। कंपनी की 421.50 करोड़ की लागत आई है। जबकि अथॉरिटी ने पांच सूचनाओं को देने में टाल मटोल कर दी। कंपनी ने लॉकल कार, वैन और जीप पर पांच रुपये टोल फीस तय की थी। 2017 में यह बढ़ाकर 10 रुपये कर दी। कॉमर्शियल की 10 रुपये निर्धारित की थी। यह 2012 से 15 रुपये कर दी गई। लाइट गुड्स व्हीकल से पहले 15 रुपये और अब 25 रुपये चार्ज किया जा रहा है। बस व ट्रक पर पहले 30 रुपये थी। जो 2014 से 45 रुपये लिया जा रहा है।
एलएंडटी ने जुलाई 2008 में टोल प्लाजा शुरू किया था। पहले महीने कंपनी की 141.01 लाख रुपये की कलेक्शन हुई थी। इसके बाद हर महीने कंपनी का प्रॉफिट बढ़ता चला गया। दिसंबर 2008 में यह 292.44 लाख रुपये पहुंच गया। अथॉरिटी द्वारा आरटाआइ एक्ट के तहत दी जानकारी के आधार पर कंपनी अब तक 528.99 करोड़ रुपये कलेक्शन कर चुकी है।
source jagran