पानीपत
किशनपूरा, सुखदेव नगर, तहसील कैम्प, जाटल रोड व अन्य इलाक़ों में शहर के बीचों-बीच चल रहीं है डेयरीयां…
Advertisement शहर की आबादी के बीचों-बीच चल रही पशु डेयरी के संचालकों के लिए मेयर की चेतावनी कुछ नहीं है। इनको नगर निगम के नोटिस का भी कोई डर नहीं है। इसी कारण ये पशुओं का मलमूत्र पानी के साथ बहाकर नाले व सीवर लाइनों को जाम कर रहे हैं। तहसील कैंप, सुखदेव नगर व […]
शहर की आबादी के बीचों-बीच चल रही पशु डेयरी के संचालकों के लिए मेयर की चेतावनी कुछ नहीं है। इनको नगर निगम के नोटिस का भी कोई डर नहीं है। इसी कारण ये पशुओं का मलमूत्र पानी के साथ बहाकर नाले व सीवर लाइनों को जाम कर रहे हैं।
तहसील कैंप, सुखदेव नगर व किशनपुरा में समेत शहर में चल रही डेयरियों से परेशान आसपास के लोग इसी तरह के आरोप लगा रहे हैं।
मेयर अवनीत कौर ने मेयर में अपना कार्यभार संभालते हुए सबसे पहले डेयरी संचालकों के साथ ही बैठक करके सभी को 10 दिनों में पशुओं के निस्तारण के लिए दो-दो टैंक बनाने के निर्देश दिए थे। सभी को चेतावनी दी कि जब तक उन्हें शहर से बाहर स्थानांतरित नहीं किया जाता, तब तक इसी माध्यम से मलमूत्र के निस्तारण का प्रबंध नहीं किया तो डेयरियां सील की जाएंगी।
खाली प्लाॅट दोबारा अलॉट कराने पर भी काम नहीं
जाटल रोड पर बिंझौल की जमीन में डेयरियों को शिफ्ट करने के लिए अलॉट हुए खाली पड़े प्लॉट को दोबारा अलॉट करने पर भी कोई काम नहीं हुआ है। जिस जेई को ऐसे प्लॉटों की सूची तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, वह अब तक तैयार नहीं कर पाया है।
पानीपत. किाशनपुरा में नालियों में बहाया जा रहा डेयरी से गोबर।
4 दिन में 74 को दिए हैं बंद करने के नोटिस
नगर निगम ने 4 दिनों में शहर में चल रही 74 डेयरियों के मालिकों को बंद करने के नोटिस दिए हैं। शहर में 200 से ज्यादा बड़ी डेयरियां चल रही हैं। इसके अलावा अनगिनत छोटी डेयरियां भी हैं। सभी नालियों में गोबर को पानी के साथ बहाते हैं। इससे मक्खी व मच्छर पनपते हैं।