पानीपत
पानीपत: कोहंड कार हादसे के बाद सड़क-सुरक्षा को लेकर शहर में एक लहर चल पड़ी है
Advertisement कोहंड कार हादसे में तीन छात्रों की मौत के बाद सड़क-सुरक्षा को लेकर शहर में एक लहर चल पड़ी है। साेमवार से जहां पुलिस ने वाहन चलाने वाले नाबालिगों पर सख्ती शुरू कर दी है, वहीं मंगलवार को सेक्टर- 12 स्थित डीएवी सहित अन्य स्कूलों ने अभिभावकों के लिए गाइड लाइन जारी की। अभिभावकों […]
कोहंड कार हादसे में तीन छात्रों की मौत के बाद सड़क-सुरक्षा को लेकर शहर में एक लहर चल पड़ी है। साेमवार से जहां पुलिस ने वाहन चलाने वाले नाबालिगों पर सख्ती शुरू कर दी है, वहीं मंगलवार को सेक्टर- 12 स्थित डीएवी सहित अन्य स्कूलों ने अभिभावकों के लिए गाइड लाइन जारी की। अभिभावकों को मैसेज भेजे जा रहे हैं कि अगर आपका बच्चा स्कूल में वाहन लेकर आता है गैरहाजिरी लगाकर उसे घर भेज देंगे। ऐसे बच्चों को स्कूल में नो इंट्री रहेगी। वहीं मिलेनियम पब्लिक स्कूल, विक्टर आर्य गर्ल्स स्कूल, आर्य गर्ल्स पब्लिक स्कूल, जिनवाणी विद्या भारती स्कूल में बच्चाें को यातायात के नियमों के पालन करने की शपथ दिलाई गई। उधर, पुलिस ने 26 अंडरएज के चालान काटे। नाबालिग बच्चों के वाहन चलाने के मामले में डीएवी स्कूल के प्रधानाचार्य हरेश पांचाल ने सराहनीय फैसला लिया।

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उन्होंने अभिभावकों के मोबाइल पर मैसेज भिजवाना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा है कि अगर कोई भी बच्चा वाहन लेकर आता है तो उसकी स्कूल में इंट्री नहीं होने देंगे। साथ ही अभिभावकों को भी मैसेज भेजा जाएगा कि आज आपके बच्चे को घर भेज दिया गया है। अंसल स्थित मिलेनियम स्कूल में प्रार्थना के वक्त बच्चों ने शपथ ली कि वे भी खुद भी यातायात के नियमों को पालन करेंगे, साथ ही दूसरों को भी प्रेरित करेंगे। तहसील कैम्प स्थित विक्टर गर्ल्स स्कूल में डायरेक्टर विक्रम गांधी ने सेमिनार कराया। शपथ दिलाई और बच्चों को यातायात के नियमों की विस्तार से जानकारी दी।

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रेलवे रोड के सामने स्थित जिनवाणी विद्या भारती स्कूल में लगाए सेमिनार में समाजसेवी मेहुल जैन ने कहा कि हादसे का प्रमुख कारण ओवर स्पीड, मोबाइल का प्रयोग आदि हैं। जीटी रोड स्थित आर्य गर्ल्स स्कूल में भी बच्चों को शपथ दिलवाई। एसडी पीजी कॉलेज भी इस मुहिम से जुड़ने जा रहा है। प्राचार्य डॉ. अनुपम अरोड़ा का कहना है कि नाबालिग वाहन को दौड़ाते वक्त ये भूल जाते हैं कि वह कितनी बड़ी चूक कर रहे हैं।
पिता का दर्द: उसे बता देता कि बच्चों के साथ गाड़ी में मत बैठना तो बेटे का वो आखिरी सफर न होता
मैं अपने बेटे कपिल को पहले ही समझा देता कि बच्चों के साथ बाइक और गाड़ी में नहीं बैठना है तो उसका दोस्ताें के साथ 7 फरवरी को आखिरी सफर नहीं होता। यह पछतावा मृतक कपिल के पिता राकेश निवासी मोतीराम कॉलोनी, नूरवाला को जिंदगी भर रहेगा। पिता कहते हैं कि मैंने तो यह गलती कर दी, लेकिन अभिभावक ध्यान रखें कि उनके बच्चे के दोस्त कौन है। कहीं वे तेज गाड़ी व बाइक तो नहीं चलाते। ऐसे दोस्तों से अपने बच्चों को दूर रखें, जिससे उनकी जिंदगी सलामत रहे।