पानीपत
जापान के सहयोग से पानीपत में लगाए गए पहले पायलट प्रोजेक्ट स्मार्ट ग्रिड फॉल्ट अब 50 मिनट में ठीक कर दिया जाता है।
Advertisement जापान के सहयोग से पानीपत में लगाए गए पहले पायलट प्रोजेक्ट स्मार्ट ग्रिड की बृहस्पतिवार को समीक्षा की गई। इसमें स्मार्ट पावर ग्रिड के अब तक के प्रदर्शन पर विस्तार से प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रकाश डाला गया। स्मार्ट ग्रिड लागू होने से पहले जो फाल्ट तीन घंटे में दूर होता था वह अब […]
जापान के सहयोग से पानीपत में लगाए गए पहले पायलट प्रोजेक्ट स्मार्ट ग्रिड की बृहस्पतिवार को समीक्षा की गई। इसमें स्मार्ट पावर ग्रिड के अब तक के प्रदर्शन पर विस्तार से प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रकाश डाला गया। स्मार्ट ग्रिड लागू होने से पहले जो फाल्ट तीन घंटे में दूर होता था वह अब 50 मिनट में दूर कर दिया जाता है।
समीक्षा बैठक में बताया गया कि मीटर रीडग के लिए आरएफ, जीपीआरएस सुविधा लागू की गई है। इस फीडर में वैक्यूम सर्किट ब्रेकर और लोड ब्रे¨कग स्विच कंट्रोल सिस्टम लागू किया गया है। किला सब-डिविजन के चार फीडरों की बिजली आपूर्ति स्मार्ट फीडर के तहत की जा रही है। एक साल पहले इस फीडर से बिजली आपूर्ति शुरू की गई थी। 1400 कनेक्शन डिफाल्टरों के काटे गए। दो दिन में बिल क्लियर होने के बाद कनेक्शन जोड़े गए। सभी चारों फीडर को तीन सेक्शन में विभाजित किया गया। बिजली जाने में एक तिहाई उपभोक्ता ही प्रभावित होते हैं।
समीक्षा बैठक में प्रोजेक्ट मैनेजर कैप्टन अनिल कौशिक, बिजली वितरण निगम के निदेशक विशाल कपूर, केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय से एके मिश्रा, जापानी कंपनी निडो से ताका मासा, फ्यूजी इलेक्ट्रिकल कंपनी जापान हनोका, सीटीओ संदीप कपूर, एक्ईएशन सिटी पंकज धवन, एसपी मलिक, ललित अत्री मौजूद रहे। कहां कितने लोगों को स्मार्ट ग्रिड से बिजली आपूर्ति कंड्यूट फीडर पर 4869 उपभोक्ता, तहसील कैंप में 561, सलारगंज फीडर 2454 तथा सीटी वन पर 2124 उपभोक्ताओं की स्मार्ट ग्रिड से बिजली आपूर्ति दी जाती है।
150 करोड़ के प्रोजेक्ट का होगा विस्तार सिटी डिविजन के एक्सईएन पंकज धवन ने बताया कि स्मार्ट ग्रिड का यह प्रोजेक्ट 150 करोड़ की लागत से लगाया गया। देश का यह पहला पायलट प्रोजेक्ट है। इसकी समीक्षा रिपोर्ट केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के अधिकारियों की मौजूदगी में किया गया है। आने वाले दिनों ने 150 करोड़ के इस प्रोजेक्ट का विस्तार हो सकता है। इस प्रोजेक्ट से बिजली आपूर्ति में सुधार हुआ है। फिलहाल सिटी डिविजन के चार फीडर को ही इस प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है।