पानीपत
दुल्हन की तरह किया श्रृंगार, हाथों में रचाई मेंहदी…फिर सब त्याग पानीपत की रहने वाली 23 साल की सिमरन बन गईं साध्वी
Advertisement सांसरिकता और ऐशो आराम को त्यागकर एक 23 वर्षीय युवती ने वैराग्य धारण कर लिया है। जहां एक ओर लोग अपने करियर और जिंदगी के हसीन सपने संजोते हैं तो वहीं वैराग्य की ये कहानी भी अलग है। पानीपत की रहने वाली 23 वर्षीय सिमरन मध्यप्रदेश के इंदौर में दीक्षा लेकर अब साध्वी श्री […]
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सांसरिकता और ऐशो आराम को त्यागकर एक 23 वर्षीय युवती ने वैराग्य धारण कर लिया है। जहां एक ओर लोग अपने करियर और जिंदगी के हसीन सपने संजोते हैं तो वहीं वैराग्य की ये कहानी भी अलग है।
पानीपत की रहने वाली 23 वर्षीय सिमरन मध्यप्रदेश के इंदौर में दीक्षा लेकर अब साध्वी श्री गौतमी जी बन चुकी हैं। उन्हें यह प्रेरणा अपनी बुआ से मिली।
सिमरन की रिश्ते में बुआ साध्वी मुक्ताश्री हैं। इन्हीं से उन्हें वैराग्य की प्रेरणा मिली। इंदौर में 12 से 21 जनवरी तक दीक्षा समारोह आयोजित किया गया। मूल रूप से सोनीपत के गोहाना निवासी सिमरन के पिता अशोक गौड़ फोटो स्टूडियो संचालक है। चार-भाई बहनों में सबसे बड़ी सिमरन है। सिमरन ने पुणे से कंप्यूटर साइंस से बीएससी किया है। छोटी बहन अंजलि वनस्पति विज्ञान से एमएससी कर रही है। भाई अभिजीत पानीपत के एसडी कॉलेज से बॉयोटेक द्वितीय वर्ष का छात्र हैं। सबसे छोटा भाई दक्ष तीसरी कक्षा में पढ़ता है।
बुआ को देख लिया साध्वी बनने का संकल्प

साध्वी श्री गौतमी जी
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