पानीपत
दो दिन तेज बरसात के आसार
पश्चिम विक्षोभ फिर प्रदेश में असर दिखाने जा रहा है। सोमवार को इसका असर कहीं-कहीं तेज बरसात के रुप में देखने को मिल सकता है, जबकि कल भी तेज बरसात के आसार हैं। वहीं 26 जनवरी तक पश्चिम विक्षोभ का असर रह सकता है। पहाड़ों में जहां बर्फबारी होगी, वहीं मैदानी इलाकों में इस दौरान […]
पश्चिम विक्षोभ फिर प्रदेश में असर दिखाने जा रहा है। सोमवार को इसका असर कहीं-कहीं तेज बरसात के रुप में देखने को मिल सकता है, जबकि कल भी तेज बरसात के आसार हैं। वहीं 26 जनवरी तक पश्चिम विक्षोभ का असर रह सकता है। पहाड़ों में जहां बर्फबारी होगी, वहीं मैदानी इलाकों में इस दौरान कहीं-कहीं ओले भी पड़ सकते हैं। जनवरी में प्रदेश में सामान्य से 82 फीसदी कम बरसात हुई है।
रबी की 30.93 लाख हेक्टेयर में खड़ी फसलों को होगा लाभ
हालांकि पिछले आठ साल में प्रदेश में जनवरी में कई बार अच्छी बरसात भी हुई है। प्रदेश में फिलहाल 30.93 लाख हेक्टेयर में रबी की फसल हैं। बरसात होती है तो काफी फसलों को लाभ होगा, वहीं यदि ओले पड़ते हैं तो सरसों सहित अन्य फसलों को नुकसान भी हो सकता है।
चंडीगढ़ आईएमडी के निदेशक डॉ. सुरेंद्र पाल ने बताया कि पश्चिम विक्षोभ ने असर दिखा दिया है। 21 व 22 को प्रदेश में कहीं-कहीं तेज बरसात भी हो सकती है। तेज हवा भी चल सकती है। कहीं-कहीं ओले भी पड़ सकते हैं। एक पश्चिमी विक्षोभ और आ रहा है, इससे बरसात होने की संभावना बन सकती है। फिलहाल अगले कुछ दिनों में पहाड़ों में बर्फबारी होने के आसार हैं।
वैज्ञानिकों का कहना है कि अगले करीब छह दिन बरसात होती है तो बरसात की कमी काफी हद तक धुल जाएगी। चूंकि पश्चिम विक्षोभ मजबूत है। ऐसे में बरसात से रबी की 30.93 लाख हेक्टेयर में खड़ी फसलों को लाभ होगा। इनमें गेहूं 24.61 लाख हेक्टेयर, 50 हजार हेक्टेयर में चना, 5.49 लाख हेक्टेयर में सरसों के अलावा सब्जियों, चारा की फसलों, बाग बगीचों में खड़े पौधों को लाभ पहुंचेगा। गेहूं की फसल में बरसात खाद का काम करेगी।
प्रदेश के यमुनानगर, मेवात, पलवल, भिवानी व झज्जर जिले ऐसे हैं, जहां जनवरी में बरसात नहीं हुई है। यानी जीरो फीसदी बरसात हुई है। वहीं हिसार में जनवरी में 6.5, जींद में 6.2, कैथल में 6.7, सिरसा में 2.3 एमएम बरसात हुई है। एक से 20 जनवरी तक हरियाणा में 1.8 एमएम बरसात हुई है। जबकि सामान्य बरसात इस अवधि में 9.8 एमएम होती है।