पानीपत
नर्स हीटर चला वार्ड में सो गयी, जबकी सर्दी में माँ बच्चे को लेकर बाहर ही बैठी रही
Advertisement सरकारी अस्पताल के कर्मचारियों के स्टाफ का रवैये रोंगटे खड़ा करने वाला है। उनकी संवेदनहीनता की वजह से एक मासूम की मौत हो गई। तीन महीने के मासूम की मौत पर परिजनों ने हंगामा काट दिया। तीन माह के बच्चे की मौत हो गई। परिजनों ने सिविल अस्पताल के स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाया […]
सरकारी अस्पताल के कर्मचारियों के स्टाफ का रवैये रोंगटे खड़ा करने वाला है। उनकी संवेदनहीनता की वजह से एक मासूम की मौत हो गई। तीन महीने के मासूम की मौत पर परिजनों ने हंगामा काट दिया।
तीन माह के बच्चे की मौत हो गई। परिजनों ने सिविल अस्पताल के स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाया है। आरोप है कि रात के समय बच्चा रो रहा था। नर्स ने बच्चे को वार्ड से बाहर परिजनों को दे दिया। डॉक्टर को नहीं बुलाया। गुस्साए परिजनों ने सिविल सर्जन का घेराव किया। इस मामले में आरोपित डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर सिविल सर्जन और सिटी थाने में शिकायत दी।
चार अक्टूबर को बच्चे का जन्म हुआ था
महादेव कालोनी की सुमन पत्नी नरेंद्र को चार अक्टूबर को जगाधरी के सिविल अस्पताल में बेटा सवि पैदा हुआ था। उसे निमोनिया हो गया। सोमवार की रात करीब दस बजे बुखार होने पर सिविल अस्पताल ले आए। यहां डॉक्टर अनिल त्यागी ने प्राथमिक उपचार के बाद भर्ती कर लिया।
सवि रोया तो नर्स ने परिजनों को सौंप बाहर कर दिया
सुमन और नरेंद्र का आरोप है कि रात को सवि रो रहा था। स्टाफ नर्स ने बच्चा उन्हें दे दिया। उन्होंने स्टाफ के सामने हाथ जोड़े और कहा कि डॉक्टर को बुलवा दो। इसकी तबीयत खराब है, लेकिन स्टाफ नर्सों ने उन्हें बाहर निकाल दिया। कहा कि डॉक्टर सुबह देखेंगे। वार्ड का गेट बंद कर अंदर वह हीटर लगाकर सोते रहे, जबकि रात के समय सर्दी में वह बच्चे को लेकर बाहर ही बैठे रहे। सुबह करीब छह बजे सवि की मौत हो गई।
मां का रो-रोकर बुरा हाल
सवि की मौत से सुमन का रो-रोकर बुरा हाल है। वह रोते-रोते बदहवास हो रही थी। डॉक्टरों को कोस रही थी। दोपहर करीब एक बजे सिविल सर्जन पहुंचे। पीडि़त परिवार और कालोनी के अन्य लोगों ने सिविल सर्जन डॉ. कुलदीप का घेराव किया।
पैनल से कराएंगे जांच
सिविल सर्जन डॉ. कुलदीप ने कहा कि डॉक्टरों के पैनल से जांच कराएंगे। लापरवाह पर कार्रवाई होगी। बच्चे का पोस्टमार्टम मेडिकल कॉलेज खानपुर में कराया जाएगा।
बच्चे की हालत गंभीर थी
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अनिल त्यागी ने कहा कि शिशु को जिस समय लाया गया, उसकी तबीयत बहुत ज्यादा खराब थी। उसे एडमिट किया गया था।