पानीपत
पानीपत- बदले की आग में दो युवकों ने पकड़ी ऐसी राह कि पुलिस भी हैरान, फ़ेसबुक पर बनाया प्लान
Advertisement पिता की ह’त्या का बदला लेने के लिए निकले दो ब’दमाशों को पुलिस ने पकड़ लिया। इन ब’दमाशों ने फेसबुक पर दोस्ती की और गैं’ग बनाया। रोहतक बाईपास पर सिवाह के पास सोमवार सुबह पुलिस की गाड़ी लू’टकर चमराड़ा के योगेश ने साथी देहरा के सागर के साथ मिलकर चमराड़ा गांव की सरपंच के […]
पिता की ह’त्या का बदला लेने के लिए निकले दो ब’दमाशों को पुलिस ने पकड़ लिया। इन ब’दमाशों ने फेसबुक पर दोस्ती की और गैं’ग बनाया। रोहतक बाईपास पर सिवाह के पास सोमवार सुबह पुलिस की गाड़ी लू’टकर चमराड़ा के योगेश ने साथी देहरा के सागर के साथ मिलकर चमराड़ा गांव की सरपंच के पति व ब्लॉक इसराना के सरपंच एसोसिएशन के प्रधान जितेंद्र उर्फ काला की ह’त्या करनी थी। उनके कब्जे से तीन पि’स्तौल व तीन का’रतूस बरामद किए हैं।
सीआइए-2 प्रभारी दीपक कुमार ने बताया कि सुबह करीब चार बजे एएसआइ अशोक कुमार, एएसआइ राजेश, सिपाही सन्नी और सिपाही अजय डाहर चौक के पास गश्त पर थे। तभी सूचना मिली कि दो युवक रोहतक बाईपास पर सिवाह के नजदीक राहगीरों व वाहन चालकों को लू’टने की फिराक में हैं। रोहतक बाईपास पर रेलवे लाइन ओवरब्रिज पार किया तो युवकों ने आगे अड़कर गाड़ी रुकवाई। इनमें से एक युवक सिपाही अजय की कनपटी पर पि’स्तौल अड़ा बोला जो है निकाल दे। नहीं तो गो’ली मा’र दूंगा। उसने अंदर की लाइट जलाई तो युवक एएसआइ को वर्दी में देखकर फरार हो गए। दोनों युवकों को भागकर काबू किया गया। इनकी पहचान चमराड़ा के योगेश और देहरा के सागर के रूप में हुई। थाना चांदनी बाग पुलिस ने मामला दर्ज किया। आरोपित योगेश व सागर को अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें दो दिन के रिमांड पर लिया है। रिमांड के दौरान आरोपितों से पता किया जाएगा कि वे हथि’यार कहां से लेकर आए थे। उनके और कितने साथी हैं। सागर ने देहरा गांव में मा’रपीट की थी। उसके खिलाफ समालखा थाने में मामला दर्ज है।
2009 में योगेश के पिता व चाचा की ह’त्या कर दी थी, जितेंद्र था आरोपित
कुख्यात अपराधी जगबीर ने 15 जुलाई 2009 को गांव के हितेश की गो’ली मा’रकर ह’त्या कर दी थी। 16 जुलाई को शाम को ही योगेश के पिता सुरेंद्र और चाचा बिजेंद्र की खेत में गो’लियों से भूनकर ह’त्या कर दी थी। मामले में अदालत ने पूर्ण, दिनेश, प्रदीप, प्रवीण, बलबीर और सतीश को उम्रकैद की स’जा हुई। चमराड़ा के जितेंद्र उर्फ काला और अन्य दस आरोपितों को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया था। अपने पिता व चाचा की ह’त्या का जितेंद्र उर्फ काला से बदला लेना था। योगेश ने हथियार जुटा लिए थे। उसने एक गाड़ी चाहिए थी। इसलिए वह गाड़ी लू’टने की फिराक में था।
मिलकर करनी थी पंपू और जितेंद्र की ह’त्या
इंस्पेक्टर दीपक कुमार ने बताया कि योगेश की डेढ़ साल पहले रोहतक के समैल गांव के नवीन उर्फ भोलू हाल पता सिवाह के साथ दोस्ती हुई थी। नवीन के भाई का जेल में गैं’गस्टर सिवाह के राकेश उर्फ पंपू ने हाथ तोड़ दिया था। इसी वजह से नवीन ने योगेश के साथ मिलकर पंपू की ह’त्या करनी थी। इससे पहले ही नवीन सीआइए-1 पुलिस के हत्थे चढ़ गया। इसके बाद योगेश ने सागर के साथ मिलकर चमराड़ा के जितेंद्र की ह’त्या की साजिश रची। वारदात से पहले ही वे दोनों पुलिस के हत्थे चढ़ गए।