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पिछड़ा वर्ग आयोग ने उठाए सवाल || ग्रुप सी-डी की नौकरियों में 33% रह गई सीटें
Advertisement हरियाणा में ग्रुप सी और डी की सरकारी नौकरियों में सामान्य श्रेणियों के लिए अनारक्षित सीटें 33 फीसदी रह जाने पर पिछड़ा वर्ग आयोग ने सवाल उठाए हैं। सी-डी श्रेणी की नौकरियों में अन्य जातियों के लिए वर्टिकल आरक्षण बढ़ाने से ऐसा हुआ है। सरकार के अनुसूचित जाति का कोटा ए, बी, सी और […]
हरियाणा में ग्रुप सी और डी की सरकारी नौकरियों में सामान्य श्रेणियों के लिए अनारक्षित सीटें 33 फीसदी रह जाने पर पिछड़ा वर्ग आयोग ने सवाल उठाए हैं। सी-डी श्रेणी की नौकरियों में अन्य जातियों के लिए वर्टिकल आरक्षण बढ़ाने से ऐसा हुआ है। सरकार के अनुसूचित जाति का कोटा ए, बी, सी और डी श्रेणी की नौकरियों में 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने पर भी आयोग हैरान है। हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग ने इसका संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव हरियाणा सरकार, केंद्र सरकार और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को पत्र लिखा है।
आयोग के चेयरमैन रिटायर्ड जस्टिस एसएन अग्रवाल की ओर से भेजे गए पत्र में इस पर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। इसमें अनारक्षित सीटें कम करने और एससी कोटा बढ़ाने को लेकर भी जानकारी मांगी गई है। आयोग ने पत्र के माध्यम से कहा है कि आरक्षण मैट्रिक्स की अधिसूचित कॉपी अधिकारिक उद्देश्य के लिए मुहैया कराई जाए। सरकार ने सामान्य श्रेणियों के लिए सी और डी श्रेणी की नौकरियों में मात्र 33 प्रतिशत अनारक्षित सीटें रखी हैं, जो पचास प्रतिशत से कम है। सुप्रीम कोर्ट के कानूनी प्रावधान अनुसार सरकारी नौकरियों में पचास प्रतिशत से अधिक आरक्षण नहीं हो सकता, जबकि पचास प्रतिशत सीटें सामान्य श्रेणी के लोगों के लिए रखना जरूरी हैं।
आयोग के चेयरमैन की ओर से लिखे पत्र में कहा गया है कि संविधान में अनुसूचित जातियों के लिए 15 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है। इसलिए आयोग जानना चाहता है कि हरियाणा सरकार ने किन प्रावधानों के तहत यह कोटा प्रदेश में ए, बी, सी और डी श्रेणी की नौकरियों में 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत किया है।
राष्ट्रीय एससी आयोग से दो बिंदुओं पर मांगी जानकारी
हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग से दो बिंदुओं पर जानकारी मांगी है। आयोग ने पूछा है कि एससी वर्ग के लिए देश में संविधान अनुसार 15 प्रतिशत आरक्षण है या बीस प्रतिशत। क्या कोई राज्य सरकार एससी के आरक्षण प्रतिशत में अपने स्तर पर बदलाव कर सकती है, अगर हां तो क्या प्रक्रिया है।
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय को भी लिखा पत्र
पिछड़ा वर्ग आयोग के चेयरमैन रिटायर्ड जस्टिस एसएन अग्रवाल की ओर से केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अवर सचिव हरिओम को भी पत्र लिखा गया है। उन्होंने जानना चाहा है कि भारतीय संविधान अनुसार एससी वर्ग के लिए कितने आरक्षण का प्रावधान है। क्या कोई राज्य सरकार आरक्षण प्रतिशत में बदलाव कर सकती है। अनुसूचित जनजातियों के लिए संविधान अनुसार कितना प्रतिशत आरक्षण तय किया गया है। अगर प्रदेश में अनुसूचित जनजाति नहीं है, तो उनके आरक्षण का हिस्सा सामान्य जातियों को मिलेगा या एससी, बीसी या फिर डीएनटी वर्ग को।
जानकारी न मिलने पर भेजेंगे रिमाइंडर : अग्रवाल
हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग के चेयरमैन जस्टिस एसएन अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश, केंद्र सरकार और राष्ट्रीय एससी आयोग से जानकारी मांगी है। अभी तक कोई जवाब नहीं आया। जल्द ही रिमांइडर भेजा जाएगा ताकि उचित कदम उठा सकें।
हरियाणा में सरकारी नौकरियों में आरक्षण की स्थिति
अनारक्षित सीटें 50 प्रतिशत 33 प्रतिशत
एससी के लिए 20 प्रतिशत 20 प्रतिशत
बीसीए के लिए 11 प्रतिशत 16 प्रतिशत
बीसीबी के लिए 6 प्रतिशत 11 प्रतिशत
ईबीपी-जी कोर्ट स्टे 7 प्रतिशत 10 प्रतिशत
एसबीसी कोर्ट स्टे 6 प्रतिशत 10 प्रतिशत
Source AM