करनाल
बस चालक को आई झपकी, जीटी रोड पर ग्रिल से टकराई, बाल-बाल बच गए 40 एनआरआई
Advertisement करनाल में जीटी रोड पर बलड़ी चौक के समीप सुबह साढ़े दस बजे इंडो-कैनेडियन बस के चालक को छपकी आने से बस लोहे की ग्रिल से टकरा गई और पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। गनीमत रही कि बड़ा हादसा होने से टल गया और किसी भी एनआरआई को गंभीर चोट नहीं लगी। यात्रियों […]
करनाल में जीटी रोड पर बलड़ी चौक के समीप सुबह साढ़े दस बजे इंडो-कैनेडियन बस के चालक को छपकी आने से बस लोहे की ग्रिल से टकरा गई और पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। गनीमत रही कि बड़ा हादसा होने से टल गया और किसी भी एनआरआई को गंभीर चोट नहीं लगी। यात्रियों को राहगीरों ने बस का शीश तोड़कर निकाला गया, बस में कोई भी इमरजेंसी दरवाजा या खिड़की नहीं थी।
बता दें दिल्ली एयरपोर्ट से अमेरिका से आए पंजाब निवासी इंडो-कैनेडियन बस में सवार होकर पंजाब जा रहे थे। बस में करीब 40 एनआरआई सवार थे। एक एनआरआई बलविंद्र सिंह ने बताया कि सफर में कई बार बस चालक को नींद की छपकी आई, क्योंकि उसने बीच रास्ते में कई बार इमरजेंसी ब्रेक लगाए। जब वह करनाल के बलड़ी चौक पर पहुंचे तो उस दौरान भी बस चालक नींद आ गई और बस लोहे की ग्रिल से टकरा गई और बस का टायर फट गया।
अचानक हुए धमाके के कारण सवारियों में हड़कंप मच गया और सभी यात्री डर गए। जैसे ही बस गड्ढे की ओर गिरने वाली हुई तो यात्रियों को बस के शीशे तोड़कर बाहर निकाला गया। गनीमत रही कि किसी यात्री को चोटें नहीं आई। सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस पहुंची और पुलिस ने जीटी रोड पर लगे जाम को खुलवाकर यातायात को सुचारू किया।
एनआरआई ने आरोप लगाया कि बस कंपनी उन्हें इतनी महंगी टिकट देती है, लेकिन इस बस में सुरक्षा को लेकर कोई इंतजाम नहीं है। बस में ना ही इमरजेंसी खिड़की है। बाद में एनआरआई को दूसरी बस से पंजाब के लिए रवाना किया गया।