चंडीगढ़
राम रहीम नए कानूनी पचड़े में फंसे, बाबा के कई सच आए सामने, आप भी जान लें
Advertisement जेल में कैद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम अब नए कानूनी पचड़े में फंस गए हैं। बाबा को लेकर कई नए सच भी सामने आए हैं, आप भी जान लें। Advertisement साध्वी यौन शोषण मामले में सुनारिया जेल में बंद गुरमीत राम रहीम की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। क्योंकि 80 करोड़ के […]
जेल में कैद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम अब नए कानूनी पचड़े में फंस गए हैं। बाबा को लेकर कई नए सच भी सामने आए हैं, आप भी जान लें।
साध्वी यौन शोषण मामले में सुनारिया जेल में बंद गुरमीत राम रहीम की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। क्योंकि 80 करोड़ के जमीनी विवाद में डेरा प्रमुख के 40 नजदीकियों पर एफआईआर दर्ज की गई है। इसमें आरोप है कि जमीन हड़पने सहित एक फ्लैट भी डेरे के नाम करवाने के लिए दबाव बनाया गया था। वहीं, सूत्रों का कहना है कि पंचकूला हिंसा के दौरान एक फ्लैट को बेस कैंप के तौर पर इस्तेमाल किया गया।
जीरकपुर के किशनपुरा में 12.5 एकड़ जमीनी विवाद में पुलिस ने सेक्टर-5 थाने में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख के वकील समेत 40 लोगों के खिलाफ फिरौती, धोखाधड़ी और साजिश सहित अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। इन आरोपियों पर एक बिल्डर को धमकाने, धोखे से एग्रीमेंट साइन करवाकर एक फ्लैट के नाम पर लाखों रुपये वसूलने सहित करीब 12.5 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा करने का आरोप है।
धोखाधड़ी के जरिये बिल्डर को करीब 80 करोड़ का नुकसान पहुंचाया गया। अधिकतर आरोपी डेरा सच्चा सौदा से जुड़े रहे हैं या डेरा प्रमुख के नजदीकियों में से हैं। पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। शिकायतकर्ता के मुताबिक इस साजिश में गुरमीत राम रहीम के वकील सहित जीरकपुर नगर परिषद के प्रधान, बिल्डर, एक कंपनी के डायरेक्टर सहित अन्य आरोपियों के नाम शामिल हैं। इनमें 25 अगस्त को पंचकूला में हुई हिंसा मामले के आरोपी भी हैं।
शिकायतकर्ता का आरोप है कि डेरा के नजदीकियों की मिलीभगत से कई तरह के दबाव बनाए गए थे। इसके तहत एक फ्लैट भी डेरा के नाम ट्रांसफर करने, लाखों की फिरौती सहित धमकियां देकर दबाव बनाने का भी आरोप है। शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया है कि जमीन या तो दान में देने या औने-पौने दाम पर बेचने के लिए दबाव बनाया जाता था।
पिछले साल डेरा सच्चा सौदा में की गई छापेमारी के दौरान पुलिस को करोड़ों की बेनामी संपत्ति से संबंधित दस्तावेज मिले थे, जिनकी जांच चल रही है। इसी जमीन को लेकर दो पक्षों के बीच विवाद चल रहा था, जिस पर सुनवाई से पहले ही उसकी बिक्री का मामला सामने आया है। बिल्डर अजयवीर सहगल की शिकायत पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
जमीन पर पहले से चल रहा था विवाद
सेक्टर-छह निवासी अजय वीर सिंघल ने 2004 में यह जमीन खरीदी थी। यह जमीन पहले ही विवादित थी। इसकी जानकारी चंडीगढ़ कोलोनाइजर्स प्रा. लिमिटेड के सिंघल को नहीं थी। उन्होंने इसमें फ्लैट भी बनाने की शुरुआत कर दी और इसके लिए खरीदारों से किस्तें भी ली जाने लगीं। झटका उस वक्त लगा जब जमीन के विवादित होने के बाद इसे लेकर तरह तरह के दबाव बनाए जाने लगे।
डेरामुख से भी मांगी थी मदद
चमकौर सिंह और अजय वीर सिंघल पहले पार्टनर रहे हैं। चमकौर ने कहा था कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख किसी भी मामले में मदद करवा सकते हैं। इसके बाद सिंघल ने डेरा प्रमुख से इस जमीनी विवाद में मध्यस्थता के लिए भी आग्रह किया। लेकिन, उसे डेरा प्रमुख के वकील के पास भेज दिया गया। शिकायतकर्ता ने इस संदर्भ में डेरा प्रमुख के वकील से भी मुलाकात की। उन्हें जमीन दान करने को कहा गया। ऐसा न करने पर उसे आरोपियों ने धमकाया और फिरौती भी मांगनी शुरू कर दी।
आरोपियों में ये हैं शामिल
किशनपुरा निवासी योगेश्वर सिंह के साथ-साथ उनके भाई हिन्दवीर सिंह, रामिंदर पाल सिंह, जतिंदर कौर, भूपिन्दर सिंह पटियाला, गुरभजन सिंह, बाबा राम, लाभ सिंह, मान सिंह, ओम प्रकाश, पर्ल इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट, दीवान बालकृष्ण, कल्पना गुप्ता, कृष्ण लाल, दीवान जवाहर लाल, कमलदीप नैन, अमन मित्तल, मनोज कुमार, सुरेश स्यांजल, विनीत जैन, सुदेश ऑयल मिल्स, चरणजीत कौर, रमणजीत कौर, भूपिन्दर सिंह, गुरचरण सिंह, मदन पाल, सुरेन्द्र कुमार बंसल, जसवंत लंबरदार, राजिन्दर गुलाटी, संजीव, कंवलजीत सिंह, अमर चावला, भूपिन्दर सिंह, सहजपाल, कुलविंदर सोही, देविन्दर सिंह, केजेएस बराड़, चमकौर सिंह, एसके गर्ग नरवाना व राममूर्ति का नाम शामिल है।