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सामने आई प्लास्टिक वाले आटा की हकीकत, ये वीडियो देखने के बाद आपको लग समझ आएगी असली सच्चाई

पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया में आटे के अंदर मिलावट की खबरें आ रही हैं। यहां तक कि कुछ वीडियो के जरिए आटे में प्लास्टिक मिले होने का दावा भी किया जा रहा है। लेकिन खाद्य विशेषज्ञों ने जो रिपोर्ट सामने रखी है उसने प्लास्टिक के आटे की अफवाह को नकार दिया है। खाद्य […]

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पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया में आटे के अंदर मिलावट की खबरें आ रही हैं। यहां तक कि कुछ वीडियो के जरिए आटे में प्लास्टिक मिले होने का दावा भी किया जा रहा है।

लेकिन खाद्य विशेषज्ञों ने जो रिपोर्ट सामने रखी है उसने प्लास्टिक के आटे की अफवाह को नकार दिया है। खाद्य विशेषज्ञों का कहना है कि आटे में खिंचाव की वजह प्लास्टिक नहीं बल्कि ग्लूटेन है।

बता दें कि ग्लूटेन सफेद रंग का प्रोटीन होता है जो आटे को बांधने का काम करता है। अगर ग्लूटेन आटे में मौजूद न हो तो आप किसी भी हाल में रोटी बना ही नहीं पाएंगे। इस बीच आईटीसी ने भी इन वायरल हो रहे वीडियो को निराधार बताया है। कंपनी ने कहा है कि हम देश के सभी लोगों को आश्वस्त करते हैं कि आटे में प्लास्टिक मिला पाना अब तक संभव नहीं है। आटा गूंथने के बाद खिंचाव उसमें ग्लूटेन नामक प्रोटीन की वजह से आता है जिससे सरकार के नियमों के तहत मिलाया जाता है।

पिछले दिनों सोशल मीडिया पर इस तरह के कई वीडियो प्रचलन में रहे हैं जिसमें बताया गया है कि आटा गूंथने के बाद उसमें इलास्टीसिटी की वजह उसमें प्लास्टिक की मिलावट होना है। आइटीसी के आशीर्वाद ब्रांड समेत कई कंपनियों द्वारा निर्मित आटे को लेकर इस तरह के आरोप लगे हैं। आइटीसी की फूड डिवीजन के डिविजनल चीफ एक्जीक्यूटिव हेमंत मलिक ने बताया कि वीडियो में जिस तत्व को प्लास्टिक बताया जा रहा है, वह दरअसल सफेद प्रोटीन है जिसे आटे में मिलाने के लिए फूड सेफ्टी एंड स्टैंड‌र्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) के मानकों के मुताबिक मिलाया जाता है।

रेगुलेटर के मुताबिक आटे में न्यूनतम 6 फीसद ग्लूटेन मिलाना आवश्यक है। जिस तरह के वीडियो आशीर्वाद आटे को लेकर सोशल मीडिया में चल रहे हैं, अदालत ने भी ऐसे वीडियो को चलाने पर रोक लगायी है। खाद्य विशेषज्ञों के मुताबिक आटे में मिश्रित इस सफेद प्रोटीन को ग्लूटेन कहा जाता है। दरअसल यही ग्लूटेन आटे को बांधने का काम करता है। यदि यह न हो तो आटे की रोटी बनाना संभव नहीं है। आटे में यह खिंचाव इसी प्रोटीन की वजह से आता है।

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