पानीपत
हरियाणा की जनता को अब यह फ्रांस का एनालाइजर बताएगा कहां क्या जलाया , किस तरह की गैस निकल रही है।
कहां क्या जल रहा है, किस तरह की गैस निकल रही है। प्रदूषण का स्तर कितना खतरनाक है। मौसम कैसा है और तापमान कितना है…सरीखी जानकारी अब हरियाणा के हर बाशिंदे को मिल सकेगी। एनालाइजर की मदद से हर पल के प्रदूषण की जानकारी मिलेगी। अपने यहां के बदलते मौसम से भी अपडेट रहेंगे। कहां-कितना […]
कहां क्या जल रहा है, किस तरह की गैस निकल रही है। प्रदूषण का स्तर कितना खतरनाक है। मौसम कैसा है और तापमान कितना है…सरीखी जानकारी अब हरियाणा के हर बाशिंदे को मिल सकेगी। एनालाइजर की मदद से हर पल के प्रदूषण की जानकारी मिलेगी। अपने यहां के बदलते मौसम से भी अपडेट रहेंगे। कहां-कितना पारा घटा, बढ़ा या कितना प्रदूषण स्तर बढ़ गया है, कितना कम हो गया है, यह जानकारी आठों पहर मिलती रहेगी। 21 जिलों में 23 ऐसे एनालाइजर लगाए जाने हैं। इनमें से अधिकांश ने अपडेट देना शुरू कर दी है।
बड़ी बात यह होगी कि फ्रांस में बने आधुनिक सिस्टम यह भी बताएंगे कि किस दिशा से प्रदूषण हो रहा है और कौन सी गैस निकल रही है। इस गैस की तीव्रता कितनी है। प्रदूषण नियंत्रण विभाग की ओर से यह यंत्र लगाए गए हैं, इन्हें फ्रांस से मंगाया गया है। जबकि पूरे प्रदेश का कंट्रोल रूम पंचकूला में बनाया गया है। यह लगभग पूरी तरह से काम करने लगा है। अब तक अधिकांश जिलों में टेम्परेरी सिस्टम लगाया जाता था, फिर इससे रीडिंग ली जाती थी। प्रोसेस में काफी समय बर्बाद हो जाता था।
हरियाणा में करीब 36 लाख हेक्टेयर में खेती होती है। हर साल प्रदेश में करीब 90 लाख टन फसल अवशेष जलाए जाते हैं। इनमें 60 लाख धान व 30 लाख टन फसल अवशेष गेहूं सीजन में जलते हैं। हालांकि पिछले कई सालों से प्रदूषण के स्तर में कमी आई है। किसानों ने फसल अवशेष जलाना शुरू कर दिया है। लेकिन फिर भी सीजन में कितना प्रदूषण अचानक बढ़ा है और इसका कारण फसल अवशेष है या नहीं, यह भी जानकारी उपलब्ध होने लगेगी।
हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन अशोक खेत्रपाल ने बताया कि विभाग की ओर से फ्रांस से यह आधुनिक आटोमैटिक एनालाइजर मंगाए गए हैं। इन्हें सभी जिलों में स्थापित कर दिया गया है। अधिकांश से डाटा मिलना शुरू हो गया है। प्रदेश के लोगों को प्रदूषण और मौसम की ताजा जानकारी इनसे मिल सकेगी।
प्रदूषण विभाग के सीनियर साइंटिस्ट राजेश गाढ़िया के अनुसार आसमान में हरियाणा में सल्फर डाईआक्साइड, अति सूक्ष्म कण पीएम 2.5, नाइट्रस आक्साइड, कार्बन डाईआक्साइड आदि गैसों का स्तर सालभर बढ़ता-घटता रहता है। पिछले काफी समय से कम बरसात होने की वजह से इनका स्तर बढ़ गया था, लेकिन प्रदेश में करीब 7 एमएम बरसात होने से प्रभाव कम हो गया है।