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डॉक्टर ने किया ऐसा इलाज कि चली गई एक आंख की रोशनी

डॉक्टर ने किया ऐसा इलाज कि चली गई एक आंख की रोशनी

समाज में डॉक्टर को भगवान का रूप माना जाता है. लेकिन जब भगवान का रूप ही बदल जाए तब आप क्या करेंगे. ऐसा ही मामला बिहार के मोतिहारी में घटित हुआ है जिससे मानवता शर्मसार हो जाए. डॉक्टर ने युवक की आंख का ऐसा इलाज किया कि वह अंधा हो गया. (रिपोर्टः सचिन पांडेय)

ये मामला मोतिहारी के मठिया जिरात का है जहां के एक गरीब परिवार पर आफत की आंधी आ गई है. परिवार अपना पेट पालने के लिए वेल्डिंग का काम करता था. इस दौरान कृष्णा साह के पुत्र चंदन की आंख में एक कण चला गया. जिससे उसकी आंख में जलन और दर्द होने लगा. परिजनों उसे जिले के सबसे बड़े चांदीवाला अस्पताल में लेकर गए और वहां उसका इलाज करवाया. फिर डॉक्टर बिनीता लक्ष्मी की सलाह पर लिखी दवा व ड्रॉप लेकर घर चले आए.

पांच दिनों तक उसे कोई राहत नहीं मिली और आंखों से दिखना कम हो गया तो सभी चंदन को लेकर उसी अस्पताल में फिर गए. डॉ. बिनीता लक्ष्मी से मिले. महिला डॉक्टर ने उसे ऑपरेशन थिएटर में ले जाकर उसकी आंखों में कुछ नुकीला चीज गड़ा दिया और कहा कि जाओ दवा करवाओ ठीक हो जाएगा. इसके बाद उसकी हालत बद से बदतर होने लगी. धीरे-धीरे उसकी आंखों की रोशनी खत्म होने लगी जिससे परिजन परेशान हो गए.

परिजन अस्पताल गए जहां के डॉक्टरों व स्टाफ ने इन लोगों को वहां से भगा दिया. फिर वे चंदन को लेकर दूसरे डॉक्टर के पास गए. जहां डॉक्टर मेजर एबी सिंह ने इन लोगों को ये कहकर वापस भेज दिया कि जब आंख में कुछ बचा ही नहीं है तो मेरे पास क्यों लेकर आए. इतना सुनते ही परिजनों के होश उड़ गए. फिर वे तीसरे डॉक्टर के पास गए. वहां के डॉक्टरों ने भी आंख खराब होने की बात कही व जल्द से जल्द आंख निकलवाने की सलाह दी. गरीब लाचार व बेसहारा कृष्णा साह यह सुनकर वहीं बेहोश हो गए कि अब उनके बेटे चंदन का क्या होगा?

इसके बाद कृष्णा साह ने सूद पर पैसे की जुगाड़ कर मोतिहारी से मुजफ्फरपुर और पटना के प्रमुख डॉक्टरों से अपने पुत्र को दिखाया, लेकिन किसी ने भी इसे ठीक होने की बात नहीं कही. फिर भी कृष्णा ने हिम्मत नहीं हारी. एक आंख से दृष्टिहीन हो चुके पुत्र को कोलकाता ले गए. जहां चेन्नई के डॉक्टरों ने भी आंख खत्म होने की बात कही और जल्द से जल्द आंख निकलवाने की सलाह दी. क्योंकि एक आंख के कारण दूसरी आंख भी प्रभावित हो रही थी और इंफेक्शन का खतरा बढ़ गया था.

कोलकाता के डॉक्टरों ने ऑपरेशन में एक से डेढ़ लाख तक का खर्च बताया. गरीब आदमी इतना पैसा कहां से लाता तो थक हार कर वे लोग मोतीहारी आ गए. तब जाकर कृष्णा ने डॉक्टर व उसके स्टाफ के खिलाफ छतौनी थाने में केस दर्ज करवाया और न्याय की गुहार लगाई. वहीं इस संबंध में पूछे जाने पर छतौनी थाना के इंस्पेक्टर ने बताया कि कृष्णा साह ने प्राथमिकी दर्ज करवाई है. मामले की तहकीकात की जा रही है.