Panipat
5 माह बाद खुला बू अली शाह कलंदर बाबा का दरबार, मजार से 50 फीट पहले लगा बैरियर, अभी नमाज की इजाजत नहीं

5 माह बाद खुला बू अली शाह कलंदर बाबा का दरबार, मजार से 50 फीट पहले लगा बैरियर, अभी नमाज की इजाजत नहीं
हजरत बू अली शाह कलंदर दरगाह के द्वार खुलने के साथ ही 173 दिन बाद शुक्रवार को फरियादियों की दुआएं बाबा के दरबार पहुंच में गई। कोरोना महामारी के चलते 22 मार्च को दरगाह के द्वार बंद कर दिए गए थे। तब से लेकर आज तक दरगाह में फरियादियों, श्रद्धालुओं व जायरिनों का आना जाना पूरी तरह से बंद था। कोविड-19 के चलते पानीपत की हजरत बू अली शाह कलंदर दरगाह भी बंद हो गई थी।
दरगाह के गेट नंबर-1 व 2 के बीच 10 से ज्यादा दुकानदारों का रोजगार भी पूरी तरह से ठप हाे गया है। ये दुकानदार भी दरगाह के गेट खुलवाने की मांग लंबे समय से करते आ रहे थे। वहीं वक्फ बोर्ड भी दरगाह के गेट खुलवाने के लिए प्रयासरत था।
दरगाह के द्वार की कुंडियों लगा ताले व बांध रहे थे धागे
शहर व देशभर से आने वाले श्रद्धालु, जायरीन व फरियादी दरगाह के बंद द्वार की कुंडियों में ही धागे बांध रहे थे। इन्हीं में ताले भी लगाकर जा रहे थे। यहां से ही मन्नतें मांगकर लौट रहे थे।
मजार के द्वार से 50 फीट पहले ही लगाए बैरियर
दरगार परिसर में बाबा जी की मजार के द्वार से 50 फीट पहले ही बैरियर लगा दिए हैं। दरगाह के सेवक इरफान अली का कहना है कि बांस की बल्लियां, रस्सी व बैरियर लगाकर श्रद्धालुओं को बाहर से ही दर्शन करने का अवसर दिया जा रहा है। मजार के अंदर ज्यादा भीड़ न बढ़े और सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन हो, इसके लिए यह प्रबंध किए गए हैं।
सभी के स्वस्थ होने व कोरोना से मुक्ति के लिए की फरियाद
दरगाह के दोनों दरबार के बीच बनी करीब 20 दुकानों के दुकानदारों ने अपने रोजगार शुरू होने पर भी खुशी जताई। दुकानदार कामिल रहमानी, हकीम अबू बकर व कादिर ने बताया कि दरगाह के सूफी एजाज अहमद हाशमी का स्वास्थ्य करीब 15 दिन से खराब है। सभी दुकानदारों ने बाबा के दरबार में फरियाद करके सूफी एजाज अहमद हाशमी के जल्दी ठीक होने की कामना की। साथ ही कोरोना बीमारी से भी मुक्ति जल्दी मिलने के लिए फरियादें की। पहले दिन 50 श्रद्धालु बाबा के दरबार में माथा टेकने के लिए पहुंचे।
गेट पर टेंपरेचर जांचने व सैनिटाइजर की सुविधा
दरगाह के गेट पर श्रद्धालुओं के प्रवेश करते ही ऑटोमैटिक सैनिटाइजर सुविधा दी गई गई। यहां पर लगी सेंसर मशीन से गुजरते हुए श्रद्धालु सैनिटाइज हो रहे हैं। यहीं पर ही एक सेवक को श्रद्धालुओं के टेंपरेचर जांचने के लिए लगाया गया है।
चादरपोशी व प्रसाद चढ़ाने की अभी नहीं है इजाजत
दरगाह के सूफी एजाज अहमद हाशमी ने बताया कि श्रद्धालुओं को दरगाह के अंदर किसी भी श्रद्धालु को चादरपोशी व प्रसाद चढ़ाने की इजाजत नहीं है। वहीं दरगाह परिसर में ही बनी मस्जिद में नमाज अदा करने की भी इजाजत नहीं है।