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बालिका वधू बनने से बेटी ने किया था इन्कार, माता-पिता ने पहले घर से निकाला, अब अपनाया
बालिका वधू बनने से बेटी ने किया था इन्कार, माता-पिता ने पहले घर से निकाला, अब अपनाया
पानीपत में नाबालिग बेटी ने शादी से इन्कार कर दिया था। इसके बाद उसके माता-पिता ने उसे घर से बाहर निकाल दिया था। घटना 11 नवंबर की है, किशोरी ने जिला महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता को शिकायत दी थी। माता-पिता ने अब बेटी का अपना लिया है।
मामला शहर थाना क्षेत्र का है। रजनी गुप्ता ने बताया कि माता-पिता द्वारा घर से निकाले जाने के बाद किशोरी को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया था। समिति ने उसे बाल देखरेख केंद्र में भेज दिया था। सोमवार को इस केस के संबंध में चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट (सीजेएम) जतिन गर्ग की कोर्ट में याचिका दायर की गई। कोर्ट ने किशोरी के आयु के दस्तावेज देखने के बाद शादी पर रोक लगा दी है। किशोरी के माता-पिता ने कोर्ट में लिखित बयान दिए हैं कि बेटी की आयु 18 साल होने पर ही, उसकी शादी करेंगे।
उधर, समिति ने भी किशोरी और उसके माता-पिता की काउंसलिंग की। किशोरी घर जाने के लिए और माता-पिता उसे रखने को तैयार हो गए। समिति ने उसे माता-पिता के सुपुर्द कर दिया है।
यह था पूरा मामला
किशोरी फैक्ट्री में काम करती थी। 11 नवंबर को फैक्ट्री जाने के बात कहकर घर से निकली और शिकायत देने पहुंच गई थी। आरोप था कि माता-पिता शादी के लिए दबाव बना रहे हैं। धमकी दी जा रही है कि शादी नही करने पर मुंह पर तेजाब फेंक देंगे।
रुकवाए बाल विवाह केस में स्वजन तलब
समालखा थाना पुलिस द्वारा एक गांव में रविवार को किशारी का बाल विवाह रुकवाने के केस में रजनी गुप्ता ने उसके स्वजनों को अपने कार्यालय में तलब किया। किशोरी साढ़े सोलह साल की है। स्वजनों से लिखित में लिया कि 18 साल आयु होने पर ही बेटी की शादी करेंगे। शादी रुकवाने के लिए बुधवार को कोर्ट में याचिका दायर की जाएगी।