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जानिए दिल्ली-चंडीगढ़ हाईवे पर कहां-कहां है ब्लैक स्पाट
स्टेट से लेकर नेशनल हाईवे सुहाने सफर के तौर पर जाने जाते थे, लेकिन अब ये हादसों के हाईवे माने जाने लगे हैं। प्रदेश में हर रोज कहीं न कहीं हादसे में हाईवे खून से लाल हो रहे हैं और लोगों की जिंदगी खत्म हो रही है। जबकि विभिन्न विभागों के संबंधित अधिकारी दावों और बैठकों तक ही सिमटकर रह गए हैं।
हालात यह हैं कि पिछले साल कोरोना काल के चलते अधिकतर लोग घरों में रहे और सड़कों पर आवाजाही कम रही, तब भी स्टेट व नेशनल हाईवे पर प्रदेश भर में जनवरी से नवंबर माह तक ही करीब साढ़े आठ हजार हादसे हुए, जिनमें चार हजार से अधिक लोगों की जान चली गई। इस साल कोरोना से राहत मिली तो हादसे व मौत को आंकड़ा और भी बढ़ गया। नौ हजार से अधिक हादसों से हाईवे खून से लाल रहे और करीब 4300 लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा।
एनएचएआई सहित विभिन्न विभागों पर जिम्मा
नेशनल हाईवे अथारिटी से लेकर हाईवे एवं ट्रेफिक पुलिस, जिला पुलिस व पीडब्ल्यूडी सहित अन्य विभाग हर साल बड़ा बजट खर्च करके लोगों को हादसों से बचाने के दावे करते रहे हैं। हालात यह है कि हाईवे का सही रखरखाव तक नहीं किया जा रहा, जिसका खामियाजा राहगीरों को भुगतना पड़ रहा है।
जनवरी से नवंबर माह तक हादसों में गई लोगों की जान
वर्ष — — – हादसे — — — — – मौत — — — — — घायल
2020 — -8413 — — — — -4015 — — — — 6774
2021 — -9007 — — — — -4273 — — — — -7342
ब्लैक स्पाट पर भी उचित कदम नहीं
पानीपत से कुरुक्षेत्र तक पिछले दिनों नेशनल हाईवे 44 पर ही करनाल जिला की सीमा में 18 ब्लैक स्पाट चिहिंत किए गए थे, जहां सबसे अधिक हादसे हुए हैं, लेकिन संबंधित अधिकारी इन ब्लैक स्पाट को भी आज तक पूरी तरह हादसा मुक्त नहीं कर पाए हैं। कहीं सफेद पट्टी ही गायब है तो कहीं रेलिंग एक बार टूटने पर दुरूस्त करने की भी जहमत नहीं उठाई गई और न आज तक ओवर स्पीड पर ब्रेक लगा है।
डीसी लगा चुके फटकार
डीसी निशांत यादव रोड सेफ्टी को लेकर हर माह की जाने वाली बैठक में अनेकों बार नेशनल हाईवे अथारिटी अधिकारियों को फटकार लगा चुके हैं तो अन्य विभागों को भी हादसे रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने काे लेकर उचित कदम उठाने के लिए कड़े निर्देश दे चुके हैं। इसके बावजूद हादसे कम होने की बजाए बढ रहे हैं।
समय-समय पर उठाए जाते उचित कदम : आइजी
यातायात एवं हाईवे आइजी डा राजश्री का कहना है कि हादसों पर अंकुश लगाने के लिए भरसक प्रयास किए जाते हैं। समय-समय पर संबंधित विभागों को पत्राचार कर खामियों से अवगत कराया जाता है तो अभियान चलाकर लोगों को लगातार जागरूक किया जा रहा है। कोरोना काल में पिछले साल वाहन कुछ कम निकले लेकिन खुले हाईवे पाकर ओवर स्पीड में वाहन चलाते रहे, जिस कारण अधिकतर हादसे हुए। लोगों को चाहिए कि वे यातायात नियमों का गंभीरता से पालन करते हुए वाहन चलाएं। कोहरे व धुंध के समय विशेष सावधानी की आवश्यकता है।
Source Jagran