पानीपत
बैठक छोड़ गए कमिश्नर, मेयर ने कहा- यह जनप्रतिनिधियों के गाल पर थप्पड़

बैठक छोड़ गए कमिश्नर, मेयर ने कहा- यह जनप्रतिनिधियों के गाल पर थप्पड़
आमतौर पर जनप्रतिनिधि बैठक से वाॅकआउट करते हैं, यहां उलटा और पानीपत नगर निगम के इतिहास में पहली बार हुआ। नगर निगम हाउस की मीटिंग बुलाने वाले कमिश्नर डॉ. मनोज कुमार ही बैठक छोड़कर चले गए। कमिश्नर के उठते ही सभी अधिकारी और कर्मचारी भी बाहर निकल गए। पार्षदों ने कमिश्नर मुर्दाबाद के नारे लगाए। फिर, निंदा प्रस्ताव पास किया। जो सीएम और शहरी स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज को देंगे।
मेयर अवनीत कौर ने इसे जनप्रतिनिधियों के गाल पर थप्पड़ बताया। बोलीं- यह चुने हुए प्रतिनिधियों का घोर अपमान है, सहन नहीं करूंगी। शहरी विधायक प्रमोद विज ने इसे अनुचित करार दिया। कहा- कमिश्नर को ड्यूटी करनी होगी। इससे पहले प्रॉपर्टी टैक्स ब्रांच में फैले भ्रष्टाचार व निंबरी में कूड़ा अलग करने को दिए टेंडर पर हंगामा हुआ।
पार्षदों के हमले से कमिश्नर पहले से ही परेशान थे, मौका मिलते ही मीटिंग छोड़ दी। बैठक में सीनियर डिप्टी मेयर दुष्यंत भट्ट, डिप्टी मेयर रविंद्र, पार्षद बलराम मकौल, अंजलि शर्मा, अनीता पुरुथी, रविंद्र नागपाल, चंचल सहगल, मीनाक्षी नारंग, कोमल सैनी, शिव कुमार शर्मा, शकुंतला गर्ग, सुमन रानी, अतर सिंह रावल, प्रमोद देवी, निशा, चंचल डावर, मंजीत कौर सहित अन्य उपस्थित रहे।
कमिश्नर ने क्यों छोड़ी मीटिंग, 4 पाॅइंट से समझिए
प्रॉपर्टी ब्रांच में बिल ठीक करते पकड़े जाने पर बवाल
1. वार्ड-2 के पार्षद पवन गोगलिया ने कहा कि मंगलवार छुट्टी के बाद शाम 6 बजे साथी पार्षद शिव कुमार शर्मा के साथ वे प्रॉपर्टी ब्रांच गए तो वहां पर 5 कर्मचारी- धर्मबीर सहायक, ज्योति क्लर्क, नवदीप सरदार, मोनू सहायक और जोगिंदर क्लर्क तीन दलालों रवि, अनिल और प्रवीण के साथ मिलकर प्रॉपर्टी टैक्स संबंधी फाइल ठीक कर रहे थे। हंगामे के बाद मौके पर मेयर अवनीत कौर भी पहुंचीं। पवन ने इस मुद्दे पर सभी पर केस दर्ज करने की मांग की। इस पर पार्षद लोकेश नांगरू सहित सभी ने सहमति दी।
नांगरू ने दलाल के साथ डीएमसी की फोटो लहराई
2. जिला निगम कमिश्नर (डीएमसी) जितेंद्र कुमार पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। लोकेश नांगरू ने एक फोटो कॉपी दिखाते हुए कहा कि डीएमसी रात 10 बजे दलाल के साथ मिल प्रॉपर्टी टैक्स बिल को ठीक करते हैं। कर्मचारी दलालों से वाॅट्सएप पर चैट कर रहे हैं, इसके सबूत हैं।
फिर तय हुआ कि कमेटी बना बिल व इसकी गलतियों को सुधारना आसान बनाया जाए। मेयर ने लोकेश नांगरू, संजीव दहिया, रविंद्र भाटिया और अशोक कटारिया की कमेटी बनाई। जो आईडी बनाने और गलत बिल ठीक करने को आसान बनाएंगे।
27.73 करोड़ के टेंडर को रद्द करने पर अड़े पार्षद
3. वार्ड-7 के पार्षद अशोक कटारिया ने कहा कि चुपके से किस आधार पर 27.73 करोड़ रुपए का टेंडर दे दिया गया। साथ ही कहा कि चीफ इंजीनियर महीपाल सिंह को बुलाया जाए, वहीं इसका बेहतर जवाब देंगे।
इस पर एसई रमेश शर्मा ने कहा कि चीफ इंजीनियर किसी वजह से नहीं आए। एसई ने कहा कि काम में देरी के लिए कंपनी पर 1.61 करोड़ रुपए जुर्माना लगाने का प्रस्ताव पास कर दिया है। नांगरू ने कहा कि इस टेंडर को रद्द किया जाए। पार्षदों ने हाथ उठाकर टेंडर रद्द करने का प्रस्ताव पास किया।
कमिश्नर को रोकने का प्रयास किया तो वे नहीं माने
4. इस बीच वार्ड-5 के पार्षद अनिल बजाज ने कहा कि- वार्डों में 8 ट्यूबवेल लगाए गए। ठेकेदार को पेमेंट नहीं हुई। एक माह पहले 6 पार्षद कमिश्नर से मिलने गए। कहा कि पेमेंट कर दो तो कमिश्नर ने यह कहा- ‘अवैध कॉलोनियों में ट्यूबवेल लगाए गए हैं। पेमेंट नहीं दी जाएगी। चाहूं तो पार्षदों से इसका बिल वसूल सकता हूं।’ बजाज ने कहा कमिश्नर से उसका जवाब चाहिए। कमिश्नर ने इसे निजी सवाल बताया और मीटिंग से उठ गए। विधायक ने कमिश्नर को रोकने का प्रयास किया, वे नहीं माने।
हंगामे में पब्लिक के महत्वपूर्ण काम नहीं हुए
निगम ने शिकायत करने की तारीख आज तक तय की थी
प्रॉपर्टी टैक्स बिल संबंधी शिकायत करने की आज 4 मार्च को मियाद पूरी हो रही है। लोगों को न तो बिल मिले हैं, गलतियां तो अपनी जगह खड़ी है। निगम ने 4 मार्च तक शिकायत करने की तारीख तय की थी। इसे 31 अप्रैल तक करने का प्रस्ताव पास होना था, जो अटक गया।
हंगामे के कारण पास नहीं हुआ 161.57 करोड़ का बजट
बैठक में नगर निगम के साल 2021-22 का बजट भी पास होना था। जिसके लिए 161.57 करोड़ का बजट रखा गया था, लेकिन हंगामे के कारण बजट पास नहीं हो पाया। निगम ने साल 2020-21 में 139.35 करोड़ का बजट पास किया था, लेकिन फरवरी 2021 तक 68.87 करोड़ ही रिकवर हुए।
प्रोजेक्ट हाली झील पर सवालों से बच गए अफसर
शहर के लिए महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट हाली झील संबंधी जानकारी भी निगम अफसरों को देनी थी कि आखिर एक साल से ठेकेदार ने काम क्यों बंद कर रखा है, जबकि 14 करोड़ से ज्यादा वह ले चुका है। प्रस्ताव पास होने पर काम शुरू हो सकता था, यह भी अटक गया।
मीटिंग छोड़कर जाने पर एक्ट में कार्रवाई का कोई प्रावधान नहीं
निगम के मामलों के जानकार पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में वकील हेमंत कुमार ने कहा कि मीटिंग छोड़कर जाने पर नगर निगम एक्ट में कमिश्नर के खिलाफ कार्रवाई करने का कोई प्रावधान नहीं है। वर्ष 2000 तक नगर निगम अधिनियम एक्ट, 1994 के सेक्शन-45(2) प्रावधान था कि अगर दो तिहाई पार्षद कमिश्नर के खिलाफ प्रस्ताव पास कर सरकार को भेज दे तो कमिश्नर को वापस बुलाना पड़ता था। लेकिन इसके बाद एक्ट में सुधार कर इस प्रावधान को खत्म कर दिया गया।
सीधी-बात
डॉ. मनोज कुमार, कमिश्नर, नगर निगम
Q. मीटिंग छोड़कर जाना कितना सही है?
A. पार्षद निजी सवाल कर रहे थे। जो सवाल पूछा जा रहा था, उसका बैठक से कोई लेनादेना नहीं था और न ही एक्ट में इस तरह का कोई प्रावधान है। मीटिंग में जो मुद्दे सूचीबद्ध थे। उस पर पहले चर्चा होती। उसके बाद अगर सदन को जरूरी लगता तो उस पर भी बात हो जाती।
Q. जो एक-दो प्रस्ताव पास हुए, उसका क्या होगा? आप तो एक्ट के जानकार हैं, चूंकि बैठक पूरी नहीं हुई। इसलिए, क्या वह पास माना जाएगा?
A. इस बारे में लीगल ओपिनियन लेना होगा। जो मेरे स्तर पर है उसे तो मैं कर ही रहा हूं, बाकी उच्च अधिकारियों से सलाह लूंगा।
Q. प्रॉपर्टी टैक्स ब्रांच में रात को भ्रष्टाचार करते पकड़े गए कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी क्या?
A. पार्षद ने लिखित शिकायत दी है, एफआईआर कराई जाएगी।
Source : Bhaskar