Connect with us

सेहत

लकवा (Paralysis) का अटैक आते ही इन उपायों को अपनाने से बच सकते है लकवे से

Published

on

किसी अंग की मांसपेशियों का पूर्ण रूप से कार्य ना कर पाना पैरालिसिस या लकवा मारना या पक्षाघात कहते है इस रोग को ठीक किया जा सकता है बशर्ते मरीज अगर हिम्मत न हारे तो। पैरालिसिस या लकवा का अटैक कभी भी आ सकता है जब उस अंग की सवेदना कमजोर होगी तो लकवा का सही समय पर इलाज न होने से रोगी एक अपाहिज की जिन्दगी जीने को मजबूर हो जाता है ,इसीलिए समय रहते ही पैरालिसिस या लकवा मारना या पक्षाघात का उपचार करना जरुरी है।

लकवा (Paralysis) एक प्रकार से गंभीर बीमारी है जिससे मरीज के किसी अंग शून्य हो जाता है। लकवा को अंग्रेजी में पैरालिसिस भी कहते हैं, जो अधिकतर 50 वर्ष से अधिक उम्र के इंसान को होता है। ऐसा नहीं है कि यह केवल 50 वर्ष की उम्र में ही हो बल्कि अगर कुछ सावधानी न बरती जाये तो लकवा किसी भी उम्र के मनुष्य को हो सकती है।

जीवन मे चाहे धन, एश्वर्य, मान, पद, प्रतिष्ठा आदि सभी कुछ हो, परंतु शरीर मे बीमारी है तो सब कुछ बेकार है ओर जीवन भी नीरस है। ऐसी ही एक बीमारी है लकवा (पेरालाइसिस), जिससे पीड़ित व्यक्ति जीवनभर सारे परिवार पर बोझ बन जाता है।

लकवा (पेरालाइसिस)  होने का 3 प्रमुख कारण :-

किसी अंग का दबना :-

शरीर के किसी अंग का लगातार अधिक समय तक दबे रहने से भी लकवा हो सकता है। दरअसल किसी अंग के लगातार दबने से उस हिस्से पर रक्त का प्रवाह ठीक से नहीं हो पाता, जिसकी वजह से हमारा दिमाग उस हिस्से पर रक्तसंचालन को रोक देता है। रक्तसंचालन रुकने के बाद उस हिस्से पर तंत्रिका तंत्र भी शून्य हो जाता है और हमें लकवाग्रस्त जगह शून्य होने की वजह से एकदम भारीपन लगता है।

अम्लीय पदार्थ का सेवन :-

अम्लीय पदार्थ के सेवन से रक्त पर अम्ल की मात्रा बढ़ जाती है, जिसकी अशुद्धियाँ धमनियों रुक  जाती है और उनमें रक्त प्रवाह बाधित होता है और लकवा हो जाता है।

ज्यादा तनाव में रहने से :-

कभी-कभी ज्यादा तनाव में रहने से मस्तिष्क में खून जम जाता है, जिसके कारण पैरालिसिस होने की  संभावना बढ़ जाती है। इसलिए ज्यादा चिंता या तनाव में नहीं रहना चाहिए।

लकवा (पेरालाइसिस) होने पर तुरंत करें ये उपाय :-

लकवा होने पर मरीज को तुरंत एक चम्मच शहद में 2 लहसुन मिलकर खिलाये. इससे लकवा से छुटकारा मिल सकता है।

कलौंजी के तेल से लकवे वाली जगह पर मालिश करें।

लकवा (पेरालाइसिस)  की पहचान :-

जैसे किसी का मुह टेढ़ा हो जाना, आँख का टेढ़ा हो जाना, हाथ या पैर का टेढ़ा हो जाना, या शरीर किसी एक साइड से बिलकुल काम  करना बंद कर दे, ये सामान्यतया पक्षाघात की पहचान है।

लकवा (पेरालाइसिस) का एकदम प्रमाणिक और राम-बाण इलाज़ :-

अगर मेरा कोई भाई बहिन लकवा (पेरालाइसिस) से पीड़ित है तो कहीं जाने की जरूरत नहीं है। अगर शरीर का कोई अंग या शरीर दायीं तरफ से लकवाग्रस्त है तो उसके लिए व्रहतवातचिंतामणि रस (वैदनाथ फार्मेसी) की ले ले। उसमे छोटी-छोटी गोली (बाजरे के दाने से थोड़ी सी बड़ी) मिलेंगी। उसमे से एक गोली सुबह ओर एक गोली साँय को शुद्ध शहद से लेवें।

अगर कोई भाई बहिन बायीं तरफ से लकवाग्रस्त है उसको वीर-योगेन्द्र रस (वैदनाथ फार्मेसी) की सुबह साँय एक एक गोली शहद के साथ लेनी है।

अब गोली को शहद से कैसे ले..? उसके लिए गोली को एक चम्मच मे रखकर दूसरे चम्मच से पीस ले, उसके बाद उसमे शहद मिलकर चाट लें। ये दवा निरंतर लेते रहना है, जब तक पीड़ित स्वस्थ न हो जाए।

पीड़ित व्यक्ति को मिस्सी रोटी (चने का आटा) और शुद्ध घी (मक्खन नहीं) का प्रयोग प्रचुर मात्र मे करना है। शहद का प्रयोग भी ज्यादा से ज्यादा अच्छा रहेगा।

लाल मिर्च, गुड़-शक्कर, कोई भी अचार, दही, छाछ, कोई भी सिरका, उड़द की दाल पूर्णतया वर्जित है। फल मे सिर्फ चीकू ओर पपीता ही लेना है, अन्य सभी फल वर्जित हैं।

शुरुआती दिनों मे किसी भी मालिस से परहेज रखें। तब तक कोई मालिस न करें जब तक पीड़ित कम से कम 60% तक स्वस्थ न हो जाए।

ये दवा लाखों पीड़ित व्यक्तियों के लिए जीवनदायिनी रही है। जो आज स्वस्थ जीवन जी रहे है।

स्वास्थ्य वह मूल तत्व है जो जीवन की सारी खुशियों को जीवंत बनाता है और स्वास्थ्य के बिना वे सभी नष्ट और नीरस होती हैं। सुखी होना है तो प्रसन्न रहिए, निश्चिन्त रहिए, मस्त रहिए।

लकवा पर ये विडियो जरुर देखे >>

अगर आपको ये पोस्ट अच्छी लगी तो जन-जागरण के लिए इसे अपने Facebook पर शेयर करें ।

ऐसी ही और बातों के लिए like करें हमारे पेज Aao Kabhi Haveli Pe को।

Continue Reading
Advertisement
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *