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बच्चों के नाजुक अंगों के लिए खतरा है प्रदूषण, चिकित्सकों ने किया अलर्ट
बच्चों के नाजुक अंगों के लिए खतरा है प्रदूषण, चिकित्सकों ने किया अलर्ट
जींद जिले में दीपावली के बाद से प्रदूषण का स्तर 300 से ऊपर चल रहा है। पहले कई दिन यह 450 से ऊपर रहा। सोमवार को पीएम 2.5 का स्तर 358 पर आ गया था, जिससे कुछ राहत मिली थी। लेकिन मंगलवार काे दोबारा पीएम 2.5 का स्तर 400 के आंकड़े को पार करते हुए 427 पर पहुंच गया। वहीं, प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर बच्चों पर पड़ रह है। चिकित्सकों का कहना है कि प्रदूषण की वजह से बच्चों के फेफड़े प्रभावित हो रहे हैं।
हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जारी किया पत्र
हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नगर परिषद, पीडब्ल्यूडी, मार्केटिंग बोर्ड, पब्लिक हेल्थ, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग समेत सभी विभागों को प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए जरूरी कदम उठाने के लिए पत्र जारी किया हुआ है। नगर परिषद द्वारा पिछले कुछ दिनों से सड़क किनारे और पेड़ों पर पानी का छिड़काव भी कराया जा रहा है। ताकि धूल ना उड़े। मंगलवार को डीसी आवास से रानी तालाब तक, उसके बाद देवीलाल लाल चौक से होते हुए रोहतक रोड पर नई अनाज मंडी तक पानी का छिड़काव कराया गया।
पानी का छिड़काव जारी
नगर परिषद मुख्य सफाई निरीक्षक मोहन भारद्वाज ने बताया कि पानी के छिड़काव के लिए दो टैंकर किराये पर लिए गए हैं। प्रतिदिन शहर के अलग-अलग एरिया में पानी का छिड़काव कराया जाएगा। हालांकि पानी के छिड़काव के बावजूद प्रदूषण से राहत नहीं मिल रही है। शहर के अंदर और बाहर बड़े स्तर पर निर्माण कार्य चल रहे हैं। जहां पानी छिड़काव के नाम पर खानापूर्ति हो रही है। रोहतक रोड पर पीडब्ल्यूडी द्वारा सड़क निर्माण किया जा रहा है। सोमवार शाम को सड़क निर्माण के दौरान धूल उड़ने पर स्थानीय लोगों ने एतराज जताया और पानी का छिड़काव कराया।
455 एकड़ में जल चुके फसल अवशेष
जिले में इस फसली सीजन में अब तक 455 एकड़ में फसल अवशेष जल चुके हैं। अब तक आगजनी की कृषि विभाग को 580 फायर लोकेशन मिली थी। जिनमें से 175 जगह फसल अवशेष जले नहीं मिले। वहीं 405 जगह फसल अवशेष जलने पर 340 किसानों के चालान किए गए हैं। कृषि विभाग के क्वालिटी कंट्रोल इंस्पेक्टर नरेंद्र पाल ने बताया कि टीमें लगातार गांवों में निगरानी कर रही हैं। जो किसान फसल अवशेष जला रहे हैं, उनको नोटिस भेजे जा रहे हैं।
बच्चों में जुकाम व खांसी बढ़ रही
जिले में प्रदूषण का स्तर बढ़ने के कारण बच्चों को ज्यादा परेशानी हो रही है। नागरिक अस्पताल में बच्चों की ओपीडी 300 से ज्यादा पहुंच रही है। धुआं सीधा बच्चों के फेफड़ों पर असर डालता है। बच्चों के अंग नाजुक होते हैं, इसलिए उनमें जुकाम व खांसी हो रही है। जुकाम से बुखार बन रहा है। इसलिए बच्चों को घरों के अंदर रखें। खिड़कियां बंद रखें और एग्जास्ट फैन चलाकर रखें।