पानीपत
10 माह से बंद पड़े शहर के 46 सार्वजनिक शौचालय, ज्यादा नियम-शर्तों के कारण कोई फर्म नहीं भर रही टेंडर

10 माह से बंद पड़े शहर के 46 सार्वजनिक शौचालय, ज्यादा नियम-शर्तों के कारण कोई फर्म नहीं भर रही टेंडर
शहर में 31 सार्वजनिक स्थलों पर बने सभी 46 शौचालयों का प्रयोग शहरवासियों के लिए दुर्लभ हो गया है। इन सभी के गेट पर 10 महीने से ताले लटके हुए हैं। इससे बाजारों में आने वाले ग्राहक व दुकानदार परेशान हैं। इसके अलावा शहर से सेक्टरों व चौक चौराहों पर रहने वाले घुमंतू परिवार व झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले लोग ज्यादा परेशान हैं। ये लोग सुबह व शाम को खुले में ही शौच के लिए जाने को मजबूर है।
शहर में सभी सार्वजनिक शौचालयों पर दिसंबर 2019 से ताला लगा था। ये ताले आज तक दोबारा नहीं खुला है। नगर निगम इनकी सफाई व देखरेख करने का ठेका नहीं छोड़ सका है। अधिकारी कम बजट में ज्यादा नियम व शर्तें बनाकर ठेकेदारों पर थोपना चाहते हैं, इसी कारण से कोई भी ठेकेदार या फर्म जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है।
शहर में हैं 46 शौचालय व 11 माेबाइल टाॅयलेट
शहर में विभिन्न जगहों पर 45 सार्वजनिक शौचालय हैं। इनके अलावा 11 मोबाइल टायलेट हैं। सितंबर-2019 तक इन शौचालयों का ठेका सुलभ इंटरनेशनल कंपनी के पास था। शुलभ इसके बदले नगर निगम से 7 लाख रुपए ले रही थी। कंपनी ने घाटे का हवाला देते हुए सभी शौचालय सरेंडर कर दिए थे। इसके बाद अक्टूबर-2019 में 5 लाख रुपए प्रतिमाह के हिसाब से ठेकेदार ने बॉबी ने जिम्मेदारी ली। उसने एक माह में ही काम छोड़ दिया था। कोरोना वायरस से पहले नगर निगम ने मोबाइल टॉयलेट की मरम्मत जरूर कराई थी, लेकिन इनके गेट पर भी आज तक ताले ही लगे हैं।
3.30 लाख रुपए प्रतिमाह का बनाया है एस्टीमेट
नगर निगम अधिकारियों ने सभी शौचालयों की देखरेख व सफाई का एस्टीमेट 3.30 लाख रुपए प्रति माह तक बनाया है। इस शुलभ जैसी कंपनी 7 लाख रुपए प्रति माह में भी नहीं संभाल पाई थी तो इस राशि में कोई क्या काम करेगा। ठेकेदार बाॅबी का कहना है कि 46 शौचालयों को अगर सही प्रकार से रखना है तो कम से कम 40 कर्मचारी लगाने होंगे। इनके अलावा रोजाना पानी के टैंक व अन्य काम के सभी खर्च मिलकर कम से कम 10 लाख रुपए प्रति माह बजट मिले तो सही प्रकार से काम होगा। इससे कम तो शौचालय नहीं गंदगी ही मिलेगी।
बजट मंजूर हो गया है, जल्दी ही निकालेंगे टेंडर
शहर में लगे सभी सार्वजनिक शौचालयों की देखरेख के लिए बजट मिल गया है। अब जल्दी ही टेंडर निकालकर किसी भी फर्म या सोसायटी को जिम्मेदारी सौंपेंगे। -सुशील कुमार, कमिश्नर, नगर निगम पानीपत।
Source : Bhaskar