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चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पर सिंघु जैसे हालात, राशन-पानी लेकर डटे किसान

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Kisan Andolan: कई किसान संगठनों ने केंद्र द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर एक वर्ष के लंबे आंदोलन की तर्ज पर चंडीगढ़ में अनिश्चितकालीन विरोध प्रदर्शन आयोजित करने का आह्वान किया है.

 चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पर सिंघु बॉर्डर जैसे हालात पैदा हो गए. अपनी विभिन्न मांगों को लेकर किसान चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पर डटे हुए हैं. किसानों ने मंगलवार को राज्य की राजधानी चंडीगढ़ की ओर कूच किया मगर उन्हें सीमा पर ही रोक दिया गया. इसके बाद से किसान चंडीगढ़-मोहाली सीमा के पास धरने पर बैठ गए है.

चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पर सिंघु बॉर्डर जैसे हालात पैदा हो गए. अपनी विभिन्न मांगों को लेकर किसान चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पर डटे हुए हैं. किसानों ने मंगलवार को राज्य की राजधानी चंडीगढ़ की ओर कूच किया मगर उन्हें सीमा पर ही रोक दिया गया. इसके बाद से किसान चंडीगढ़-मोहाली सीमा के पास धरने पर बैठ गए है.

 

 बता दें कि किसान 10 जून से धान की बुवाई, गेहूं की फसल पर बोनस देने और अन्य मांगों को लेकर पंजाब सरकार पर दबाव बनाने के लिए किसान राजधानी की तरफ निकले थे. इसी बीच भगवंत मान ने कहा कि वह किसानों की समस्या को समझते हैं.

बता दें कि किसान 10 जून से धान की बुवाई, गेहूं की फसल पर बोनस देने और अन्य मांगों को लेकर पंजाब सरकार पर दबाव बनाने के लिए किसान राजधानी की तरफ निकले थे. इसी बीच भगवंत मान ने कहा कि वह किसानों की समस्या को समझते हैं.

 भगवंत मान ने कहा था कि मैं एक किसान का बेटा हूं मुझे पता है कि यह कैसे हो सकता है. 18 और 10 जून में क्या अंतर है. साथ ही उन्होंने राज्य के किसानों के आंदोलन को अनुचित और अवांछनीय बताया है.

भगवंत मान ने कहा था कि मैं एक किसान का बेटा हूं मुझे पता है कि यह कैसे हो सकता है. 18 और 10 जून में क्या अंतर है. साथ ही उन्होंने राज्य के किसानों के आंदोलन को अनुचित और अवांछनीय बताया है.

 वहीं एक किसान नेता ने कहा कि वे राज्य सरकार के साथ कोई टकराव नहीं चाहते हैं, लेकिन अगर उनके मुद्दों का समाधान नहीं हुआ तो उन्हें अवरोधकों को तोड़ना पड़ेगा और फिर चंडीगढ़ की ओर बढ़ना होगा.

वहीं एक किसान नेता ने कहा कि वे राज्य सरकार के साथ कोई टकराव नहीं चाहते हैं, लेकिन अगर उनके मुद्दों का समाधान नहीं हुआ तो उन्हें अवरोधकों को तोड़ना पड़ेगा और फिर चंडीगढ़ की ओर बढ़ना होगा.

 वहीं केंद्र शासित प्रदेश में अपनी मांगों को लेकर कई किसान संगठनों के अनिश्चितकालीन प्रदर्शन के आह्वान के मद्देनजर चंडीगढ़-मोहाली सीमा पर बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है.

वहीं केंद्र शासित प्रदेश में अपनी मांगों को लेकर कई किसान संगठनों के अनिश्चितकालीन प्रदर्शन के आह्वान के मद्देनजर चंडीगढ़-मोहाली सीमा पर बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है.

 किसानों को चंडीगढ़ में प्रवेश करने से रोकने के लिए पुलिस ने अवरोधक लगाने के साथ-साथ पानी की बौछार छोड़ने के लिए वाहन तैनात किए हैं. चंडीगढ़ पुलिस ने भी इसी तरह के सुरक्षा इंतजाम किए हैं.

किसानों को चंडीगढ़ में प्रवेश करने से रोकने के लिए पुलिस ने अवरोधक लगाने के साथ-साथ पानी की बौछार छोड़ने के लिए वाहन तैनात किए हैं. चंडीगढ़ पुलिस ने भी इसी तरह के सुरक्षा इंतजाम किए हैं.

 कई किसान संगठनों ने केंद्र द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर एक वर्ष के लंबे आंदोलन की तर्ज पर चंडीगढ़ में अनिश्चितकालीन विरोध प्रदर्शन आयोजित करने का आह्वान किया है.

कई किसान संगठनों ने केंद्र द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर एक वर्ष के लंबे आंदोलन की तर्ज पर चंडीगढ़ में अनिश्चितकालीन विरोध प्रदर्शन आयोजित करने का आह्वान किया है.

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