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कंबल व पर्दे सहित टेक्सटाइल उत्पाद होंगे महंगे, 300 वाली चादर अब 321 रुपए में
कंबल व पर्दे सहित टेक्सटाइल उत्पाद होंगे महंगे, 300 वाली चादर अब 321 रुपए में
पेट्रोलियम और खाद्य पदार्थों में बेतहाशा महंगाई के बाद अब बारी है कंबल, चादर और पर्दे आदि की। टेक्सटाइल नगरी पानीपत के कंबल, चादर और पर्दे पर 1 जनवरी 2022 से 12% जीएसटी लगने जा रही है। पहले इस पर 5% जीएसटी थी। इसका मतलब कि यहां बनने वाले कंबल, चादर और पर्दे सब महंगे होंगे। 300 रुपए वाली चादर जनवरी 2022 से आपको 321 रुपए में मिलेगी।
जीएसटी बढ़ाने का सीधा आम खरीदार पर पड़ेगा। उद्यमी और कारोबारियों पर भी इस बढ़ोतरी का बड़ा भार पड़ेगा। कारोबारियों की पूंजी अब बढ़ जाएगी। जिससे कारोबारियों को अत्याधिक लाभ मिलेगा और व्यापार में बढ़ोत्तरी मिलेगी। चूंकि, पानीपत में 6 से 12 महीने की उधारी पर ज्यादा कारोबार होता है। जीएसटी तो एक माह बाद भरनी पड़ेगी, लेकिन उसका कारोबारी से रिटर्न 6 से 12 माह में आएगा। इसलिए इनवेस्टमेंट अब और बढ़ेगा।
सीनियर सीए शशि चड्ढा ने कहा कि जीएसटी काउंसिल ने तीन माह पहले ही कपड़ों पर जीएसटी 12 फीसदी करने का फैसला लिया था। 1 जनवरी 2022 से यह लागू हो रहा है। पानीपत पर इसका बहुत असर पड़ेगा कि क्योंकि हमारे यहां यह बहुत बनता है।
उदाहरण से समझिए
अगर कारोबारी 100 रुपए का धागा खरीदता है, जिसमें 12% जीएसटी है। यानि उद्यमी ने 12 रुपए टैक्स दिया है। अब कंबल बना अगर 150 रुपए रेट तय करता है, फिर उस पर 5% जीएसटी लगाकर बेचता है तो टैक्स के रूप में 7.50 रुपए मिलते हैं। इस तरह से उद्यमी को 4.50 रुपए का इनपुट टैक्स वापस मिलता है तब 12 रुपए का हिसाब बराबर होता है।
अब जीएसटी जमा कराना होगा
अब कपड़े पर जीएसटी 12% होने जा रही है। मतलब 150 रुपए पर 12% टैक्स लगाने पर जीएसटी 18 रुपए बनेगी। चूंकि, उद्यमी ने 12 रुपए टैक्स लगा धागे खरीदे थे। इस तरह से उसके पास 6 रुपए ज्यादा जीएसटी आ रही है। यह 6 रुपए उसे सरकार के खाते में जमा कराने होंगे।