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छात्र 10 घंटे चलकर पोलैंड-रोमानिया बॉर्डर पर पहुंचे थे, यूक्रेन की सेना के जवानों ने पीटा
छात्र 10 घंटे चलकर पोलैंड-रोमानिया बॉर्डर पर पहुंचे थे, यूक्रेन की सेना के जवानों ने पीटा
यूक्रेन में युद्ध को लेकर हालात दिनों को दिन खराब होते जा रहे हैं। वहां फंसे स्टूडेंट्स के साथ बॉर्डर पर मारपीट करने का मामला सामने आया है। मौके पर मौजूद टोंक, अजमेर व ब्यावर के स्टूडेन्ट्स ने वहां के हालात के बारे में बताया। एक विदेशी छात्र ने मारपीट के दौरान दम तोड़ दिया। कई भारतीय छात्र जख्मी हो गए हैं।
यूक्रेन की एलवीआईवी से MBBS की पढ़ाई कर रहे टोंक (राजस्थान) के आयुष ने बताया- रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते मैं भारत आने के लिए पैदल चलकर दो अन्य साथियों के साथ 79 किमी दूर बीती रात पोलैंड बॉर्डर पर पहुंच चुका था। सुबह वहां के अधिकारियों ने आश्वासन भी दिया था कि उन्हें पोलैंड के अंदर भेज दिया जाएगा। मैं और मेरे 30 साथी चेक पॉइंट पर ही इस उम्मीद में बैठे थे। शाम को यूक्रेन की सेना ने उन्हें वापस अपने-अपने कॉलेज में जाने के लिए कह दिया। हमलोगों ने इससे इनकार किया तो लाठियां बरसाने लगे।
आखिरकार शाम करीब 6 बजे बॉर्डर से वापस कॉलेज के लिए बस से रवाना हो गए। आयुष ने बताया कि पोलैंड के अधिकारियों ने तो भारत भेजने का आश्वासन दिया है। वहां के अधिकारियों ने कहा कि बॉर्डर पार कर आ जाओ, फिर इंडिया भेज देंगे। रूस के हमले तेज होने से शायद सेना अब यूक्रेन बॉर्डर खाली करवा रही है।
लवीव नेशनल यूनिवर्सिटी के स्टूडेन्ट पंचशील अजमेर निवासी कृष्ण पाल सिंह राठौड़ ने बताया कि पोलैंड व रोमानिया बॉर्डर पर साथी गए हुए थे। उस दौरान उनके साथ यूक्रेन के बॉर्डर गार्ड ने मारपीट की। एम्बेसी ने बोला था कि बॉर्डर पर नहीं जाना, लेकिन नोटिस आने से पहले वे चले गए। 30 किलोमीटर की दूरी 10 घंटे तक पैदल चलकर तय की और बार्डर पहुंचे। वहां लाइन लगी है। उनके साथ बॉर्डर पर मारपीट हुई। वहां से वापस भगा दिया। एक विदेशी छात्र की तो चोट लगने से जान भी चली गई।
कृष्ण ने बताया कि अभी हम लवीव में हैं। एम्बेसी से कॉन्टेक्ट हुआ। उन्होंने बताया कि लिस्ट बना रहे हैं। इसमें टाइम लगेगा। सभी डरे हुए हैं। एम्बेसी ने कहा कि जब तक नोटिस नहीं आए, तब तक बाहर नहीं निकले। हम पांच दोस्त हैं। जब भी सायरन बजता है तो बंकर में चले जाते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से रिक्वेस्ट है कि ज्यादा से ज्यादा फ्लाइट अरेंज कर बच्चों को बाहर निकालें।
ब्यावर के गहलोत कॉलोनी निवासी स्टूडेंड प्रमोद भाटी ने बताया कि शनिवार रात को दो-तीन स्टूडेंड बॉर्डर पर गए थे। वहां मारपीट की गई। दोनों जख्मी हैं। उपचार चल रहा है। चौथे दिन भी कोई सहायता नहीं मिल रही। एम्बेसी से कोई सम्पर्क नहीं हो रहा। बेसमेन्ट में बच्चे बीमार भी हो रहे है। ऑक्सीजन लेवल कम हो रहा है। जल्दी से जल्दी यहां से निकाला जाना चाहिए।
ऑडियो भेजा, रोती हुई लड़की बता रही हालात
कृष्णपाल सिहं ने एक लड़की का ऑडियो भी उपलब्ध कराया। इसमें वह रोती हुई मारपीट की बात बता रही है। उसका कहना है कि लड़का या लड़की, कुछ नहीं देख रहे। जैसे मन आए, वैसे मार रहे हैं।