पानीपत
अस्पताल से ज्यादा परिजनों की सेवा पर भरोसा, 80% कोरोना पॉजिटिव होम आइसोलेशन में

अस्पताल से ज्यादा परिजनों की सेवा पर भरोसा, 80% कोरोना पॉजिटिव होम आइसोलेशन में
पानीपत में कोरोना के मरीज अस्पतालों में कम और होम आइसोलेशन में ज्यादा हैं। 30 नवंबर तक जिले में कोरोना के कुल पॉजिटिव केसों की संख्या 564 है। इनमें से 343 मरीज होम आइसोलेट हैं और 104 अन्य मरीजों को होम आइसोलेशन में भेजने की तैयारी चल रही है। कोरोना के 9 मरीज सिविल अस्पताल, 11 मरीज सरकारी मेडिकल कॉलेज, 36 मरीज प्राइवेट अस्पताल और 61 मरीज जिले से बाहर के अस्पतालों में भर्ती हैं। अभी तक पानीपत में होम आइसोलेट एक भी कोरोना पीड़ित की मौत नहीं हुई है।
कोरोना एक महामारी बनकर सामने आया है। शुरूआत में कोरोना के नाम से ही लोगों दहशत फैलती थी। हालांकि कोरोना की वैक्सीन व अन्य दवाई उपलब्ध होने में अभी भी समय लगेगा, लेकिन देश में कोरोना मरीजों का रिकवरी रेट बढ़ने से लोगों में हौंसला बढ़ा है। यही कारण है कि अब कोरोना पॉजिटिव आने पर लोग अस्पताल से ज्यादा घर पर रहने में रुचि दिखा रहे हैं। पानीपत में कोरोना मरीजों के होम आइसोलेशन का आंकड़ा 80% के करीब है। वैसे तो जिले में अब तक कोरोना से कुल 126 लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन ये सभी मौत अस्पताल में भर्ती मरीजों की हुई है। होम आइसोलेट एक भी कोरोना पीड़ित की जान नहीं गई है।

घर पर बेहतर होती है देखभाल
कोरोना के अधिकतर मरीजों को सिविल अस्पताल और सरकारी मेडिकल कॉलेजों में भर्ती किया जाता है। जिले में कुल 26 कोरोना पीड़ित की प्राइवेट अस्पताल में इलाज करा रहे हैं। जबकि होम आइसोलेशन के मरीजों की संख्या 343 है, यह संख्या बढ़कर 447 होगी। अस्पतालों में मैन्यू के हिसाब से खाना मिलता है। जबकि घर पर मरीज अपनी इच्छा के अनुसार खा सकते हैं जिससे इम्यूनिटी भी बेहतर होती है।
मानसिक रूप से होते हैं मजबूत
CMO संतलाल वर्मा का कहना है कि घर पर अपनों के बीच रहकर कोरोना पीड़ितों को मानसिक रूप से मजबूती मिलती है। परिजन समय-समय पर पीड़ितों का हौंसला बढ़ाते हैं। साथ ही परिजन भी कोरोना गाइडलाइन का सही ढंग से पालन करने के लिए प्रेरित होते हैं। घर पर अकेलापन दूर होने के कारण मनोरंज के साधन भी मिलते है, जिससे समय बेहतर गुजरता है।
Source : Bhaskar