Panipat
टूटी रोड पर दो-दो फीट तक भरा पानी, पार्षद बोले रोड तो बना नहीं सकते अब यहां नावों का टेंडर लगा दो
सेक्टर-25 बाईपास से लेकर ऊझा गेट तक करीब ढाई किलोमीटर लंबी सड़क बनाने के साथ सीवरेज और पाइपलाइन का प्रोजेक्ट पिछले दो साल से अधर में लटका हुआ है।
ये सड़क 9 कॉलोनियों और 3 गांव के करीब दस हजार लोगों के लिए आफत बन चुकी है। अब हालात ये हो चुके हैं कि टूटे हुए रोड पर यहां दो-दो फीट तक बरसाती पानी भरने से लोगों का आना जाना मुश्किल हो गया है।
इससे लोग तो नाराज हैं ही, साथ में पार्षद में भी काम न होने पर अच्छी खासी नाराजगी है।
जिसके चलते शुक्रवार को निगम कार्यालय में डिप्टी मेयर के साथ पहुंचे वार्ड पार्षद शिव कुुमार शर्मा निगम अधिकारियों पर जमकर बरसे। पार्षद ने कहा कि अगर निगम इस काम को नहीं करवा सकता तो यहां पानी के बीच में से आने जाने के लिए नावों का टेंडर लगवा दे।
पार्षद ने बताया कि यहां के एरिया के हालात इतने बदतर हैं कि कई बार लोग गंदे पानी में गिरकर चोटिल हो चुके हैं।
कोई एंबुुलेंस, दमकल विभाग की गाड़ी या मृतकों के शव तक लाने ले जाने का रास्ता नहीं है। ढाई किलोमीटर तक लोग दीवारों के सहारे चलने को मजबूर हैं। उनके वार्ड के लोग सरकार, प्रशासन और नेताओं को गालियां देने लगते हैं।
परेशान लोग कहते हैं, अधिकारी आए तो अच्छा नहीं होगा
पार्षद ने बताया कि उनकी कॉलोनी के लोग इस हद तक परेशान हैं कि वे कहने लगते हैं कि निगम अधिकारी कालोनी में आए तो अच्छा नहीं होगा। निगम के खिलाफ लोगों में जबरदस्त विरोध है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन समाप्त होने के बाद वे एक हजार लोगों के साथ निगम कार्यालय के बाहर धरना देंगे। अबकी बार उनकी लड़ाई आरपार की होगी।
यह है योजना
ऊझा रोड को नया बनाने समेत इसमें सीवर व पीने की पाइपलाइन बिछाने का काम अमरूत योजना के अंतर्गत किया जा रहा था।
अचानक से इस सड़क को नीचा किया जाने लगा, तो स्थानीय लोगों ने 27 व 28 दिसंबर 2020 को इसका विरोध किया। निगम के खिलाफ जब लोग एकजुट हुए तो लोगों ने पहले वाले लेवल पर ही सड़क को बनवाने की सिफारिश की।
इसे लेकर सैकड़ों लोगों ने 29 दिसंबर को निगम को अपने हस्ताक्षर कर ज्ञापन भी दिया। इसके बाद फिर से काम चालू हुआ, तो एक फैक्टरी मालिक ने इस पर कोर्ट से स्टे आर्डर ले लिया और काम वहीं रुक गया।
अब पिछले 5 माह से काम रुका पड़ा है। इस पर सुनवाई होने के बाद फैसला आने की उम्मीद है। इसके बाद ही काम आगे सिरे चढ़ पाएगा।
सड़क नीचे की तो सैकड़ों दुकानदारों के लिए मुसीबत, ऊंची की तो फैक्टरी लेवल से जाएगी नीचे
स्थानीय लोग चाहते हैं कि सड़क उसी लेवल पर बने जिस लेवल पर पहले बनी थी। इस लेवल के हिसाब से एक फैक्टरी नीचे आ जाती है, जो पहले भी नीचे ही थी।
अब फैक्टरी मालिक चाहते हैं कि सड़क पहले वाले लेवल से नीचे आ जाए, ताकि उनकी फैक्टरी सड़क से नीचे न जा सके और लेवल पर रहे।
अगर सड़क नीचे गई तो सड़क पर बनी दुकानें व घर सड़क के लेवल से कई-कई फीट ऊपर उठ जाएंगे।
बहुत काट लिए चक्कर, अब होगा एक्शन : पार्षद
इस सड़क को लेकर निगम कार्यालय के सालों से चक्कर काट रहें हैं, लेकिन निगम कार्रवाई नहीं कर रहा है।
अगर ऐसा ही रहा तो उन्हें मजबूरन एक्शन मोड में आना पड़ेगा। लॉकडाउन खत्म होते ही वार्ड के एक हजार लोगों के साथ निगम कार्यालय के बाहर धरना दिए जाएगा।
शिव कुमार शर्मा, पार्षद, वार्ड नंबर 13
कोर्ट का स्टे है, बाकी काम पूरा है : चीफ
ऊझा रोड का तकरीबन काम पूरा हो चुका है। सड़क के बीच एक टुकड़ा बाकी है। इस पर एक फैक्टरी संचालक ने कोर्ट से स्टे लिया है।
फैक्टरी संचालक चाहता है कि लेवल उसकी फैक्टरी के जितना हो, ताकि पानी अंदर न जाए। लोग चाहते हैं कि लेवल ज्यादा ऊपर हो। वहीं, बाकी सड़क में सेंटर लाइन बिछाई गई है। उसी में पानी जाता है।
-महिपाल सिंह, चीफ इंजीनियर, नगर निगम, पानीपत।
Source : Amar Ujala