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जिला परिषद का कार्यकाल खत्म होने को आया तो सरकार ने 362 करोड़ रुपए की ग्रांट दी, लेकिन स्पष्ट नहीं किया खर्च कहां होगी

जिला परिषद का कार्यकाल खत्म होने को आया तो सरकार ने 362 करोड़ रुपए की ग्रांट दी, लेकिन स्पष्ट नहीं किया खर्च कहां होगी
जिला परिषद का कार्यकाल खत्म होने को आया तो प्रदेश सरकार ने 27 नवंबर को 362 करोड़ की ग्रांट जारी कर दी। लेकिन यह नहीं बताया कि राशि कहां खर्च होगी। ग्रांट अभी जिला की ट्रेजरी में ही पड़ी है। 31 मार्च तक खर्च नहीं हुआ तो राशि लैप्स हो जाएगी। चूंकि, फरवरी में जिला परिषद का कार्यकाल खत्म हो रहा है। उससे पहले चुनाव आचार संहिता लागू हो जाएगी। इसलिए, प्रदेश के जिला परिषदों के सीईओ ने सरकार से इस पर क्लेरिटी मांगी है। ताकि राशि बैंक खाते में जमा कराकर विकास कराया जाए।
ग्रांट आने के बाद जिला परिषद की मीटिंग होगी। जिसमें प्रस्ताव पास होगा। जिला परिषद की ओर से पास होने वाले डिवेलपमेंट प्रस्ताव के बारे में पंचायती राज के संबंधित एसडीओ व एक्सईएन से एस्टीमेट मांगा जाएगा। इसके बाद ग्रांट खर्च की जाएगी। इसमें वक्त लगेगा। चूंकि, बजट जारी करने में देरी हुई है। इसलिए, उम्मीद कम ही है कि समय पर ग्रांट खर्च हो जाएगी। इससे प्रदेश के जिला परिषद के चेयरमैन नाराज चल रहे हैं। उनका माना है कि एक तो पावर देने की बात चल रही है, दूसरी ओर सरकार ने हाथ बांध रखा है।
जिला परिषद को शक्ति देने के लिए बुलाई मीटिंग भी टली
सरकार ने 15 दिसंबर को सीएम के साथ जिला परिषद के चेयरमैन और सीईओ की मीटिंग बुलाई थी। यह मीटिंग चार दिनों के नोटिस पर बुलाई गई थी। 11 दिसंबर को ही सभी को इसकी सूचना दी गई, लेकिन तीन दिन बाद ही 14 दिसंबर को मीटिंग रद कर दी गई। जिला परिषद को और शक्ति कैसे दी जाए, इसको लेकर जिला परिषद के चेयरमैन और सीईओ के साथ मुख्यमंत्री मीटिंग करने वाले थे।
जींद को सबसे अधिक 41.69 करोड़ रुपए की ग्रांट मिली
जींद जिला परिषद को सबसे अधिक 41.69 करोड़ की ग्रांट मिली है। पानीपत जिला परिषद के सीईओ विवेक मलिक ने कहा कि सरकार से पूछा है कि वह क्लेरिटी दे तो ग्रांट को बैंक में जमा कराएं, जिससे डिवेलपमेंट वर्क बाद में भी कराए जा सकेंगे।
Source : Bhaskar