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गोवंश को कैंटर में भरकर रात के अंधेरे में वध के लिए ले जा रहे थे, टास्क फोर्स ने दो को पकड़ा

गोवंश को कैंटर में भरकर रात के अंधेरे में वध के लिए ले जा रहे थे, टास्क फोर्स ने दो को पकड़ा
यमुनानगर में शनिवार देर रात टास्क फोर्स ने जिंदा गोवंश से भरे एक कैंटर को कब्जे में लिया है। गाड़ी के ड्राइवर समेत दो लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। कार्रवाई करने वाली टीम के मुताबिक ये लोग पशुओं को वध के लिए कैंटर में भरकर रात के अंधेरे में उत्तर प्रदेश में ले जा रहे थे। सूचना के बाद पुलिस ने गोरक्षकों की मदद से इन्हें धरे दबोचा। आरोपियों के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम और तस्करी के आरोपों में केस दर्ज करके आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
10 बैल और 23 बछड़े बरामद
बरामद किए गए पशुओं में 10 बैल और 23 बछड़े हैं। इस बारे में गो संवर्धन न्यास के अध्यक्ष रोहित चौधरी ने बताया कि उन्हें पशुओं से भरे एक कैंटर के उत्तर प्रदेश की तरफ जाने के बारे में सूचना मिली थी। इसके बाद वह अपने साथियों लाभ सिंह, रविंद्र कुमार और प्रदीप यादव के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने कैंटर का पीछा शुरू करने के साथ ही पुलिस को भी सूचना दे दी। टास्क फोर्स मौके पर पहुंच गई। आखिर कैंटर UP 20T 4277 को इसके चालक और एक अन्य के साथ हिरासत में ले लिया गया। इसमें गोवंश को बुरी तरह से ठूंस-ठूंसकर भरे हुए थे।
टास्क फोर्स के SI ने कहा- आरोपियों ने कबूला जुर्म
वहीं टास्क फोर्स के SI सुरेंद्र पाल ने बताया कि तस्करों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत टास्क फोर्स ने गो संवर्धन न्यास के सदस्यों की संयुक्त कार्रवाई में शनिवार को पांसरा फाटक पर नाकाबंदी की हुई थी। एक गुप्त सूचना पर टीम ने कैंटर को पशुओं सहित पकड़ा है। गाड़ी के ड्राइवर की पहचान नुक्कड़ के शाहरुख उर्फ आशु के रूप में हुई है। वहीं नुक्कड़ का ही रहने वाला नौशाद इसके साथ मौजूद था। पूछताछ में आरोपियों ने कबूल किया है कि वह एक-दूसरे के ऊपर पटके गए इन पशुओं को वध के लिए लेकर जा रहे थे। आरोपियों के खिलाफ थाना सदर यमुनानगर में केस दर्ज करके आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
उधर, गो संवर्धन न्यास के अध्यक्ष रोहित चौधरी ने अपील की है कि सर्दी में तस्करी ज्यादा बढ़ जाती है और तस्करों द्वारा चोरी की घटनाओं में बढ़ोतरी हो जाती है। ऐसे में हम सबको सावधान रहने की जरूरत है। तस्करी से संबंधित कोई भी सूचना हो तो तुरंत प्रशासन को दें, ताकि समय रहते तस्करों पर नकेल कसी जा सके।
Source : Bhaskar